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Military Equipment Supply: बांग्लादेश ने चीन की घटिया सैन्य उपकरणों की आपूर्ति ठुकराई, बीजिंग को लगा झटका

चीनी नार्थ इंडस्ट्रीज कारपोरेशन (नोरिन्को) ने बांग्लादेश को टैंक के गोले की आपूर्ति की है। ढाका ने आपूर्ति ठुकराते हुए कहा है कि इन गोलों का परीक्षण ही नहीं किया गया है। रक्षा आपूर्ति की गुणवत्ता को लेकर बांग्लादेश असंतुष्ट है।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Sat, 13 Aug 2022 07:10 PM (IST)Updated: Sat, 13 Aug 2022 07:10 PM (IST)
Military Equipment Supply: बांग्लादेश ने चीन की घटिया सैन्य उपकरणों की आपूर्ति ठुकराई, बीजिंग को लगा झटका
बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की फाइल फोटो

ढाका, एजेंसी। भारत के पड़ोसी देशों में सैन्य उपकरणों के सबसे बड़े आपूर्तिकर्ता बनने की चालबाज चीन की महत्वाकांक्षा बांग्लादेश में धूमिल होती नजर आ रही है। बांग्लादेश ने चीन की घटिया सैन्य उपकरणों की आपूर्ति ठुकरा दी है। यह जानकारी समाचार एजेंसी एएनआई ने दी।

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चीनी नार्थ इंडस्ट्रीज कारपोरेशन (नोरिन्को) ने बांग्लादेश को टैंक के गोले की आपूर्ति की है। ढाका ने आपूर्ति ठुकराते हुए कहा है कि इन गोलों का परीक्षण ही नहीं किया गया है। रक्षा आपूर्ति की गुणवत्ता को लेकर बांग्लादेश असंतुष्ट है। नौसेना ने भी कहा है कि चाइना शिपबिल्डिंग एंड आफशोर इंटरनेशनल द्वारा उपलब्ध कराए गए रडार से वह संतुष्ट नहीं है। चीन बांग्लादेश के अलावा पाकिस्तान, थाइलैंड और अफ्रीका को हथियार एवं गोल-बारूद बेच रहा है।

बांग्लादेश अपनी खराब आर्थिक स्थिति के कारण चीन की तरफ रुख करने के लिए बाध्य हुआ था। उसकी सेना ने चीन से हल्के हथियार, आर्टिलरी और बख्तरबंद वाहन खरीदे थे। सैन्य आधुनिकीकरण में जुटी बांग्लादेश सरकार ने वर्ष 2011 से 2020 के दौरान चीन से कुल तीन अरब डालर के हथियार खरीदे हैं।

वर्ष 2011 में ढाका ने नोरिन्को निर्मित चीनी एमबीटी-2000 टैंक की खरीद की। वह 170 टाइप 59 टैंक को टाइप 59जी मानक में अपडेट कर रहा है। हाल ही में उसने टाइप 69 बेड़े को मानक टाइप 69 आइआइजी में संशोधित किया है।

चीनी कर्ज को लेकर बांग्लादेश ने खुद को किया आगाह

वहीं, दूसरी ओर पिछले दिनों बांग्लादेश के वित्त मंत्री मुस्तफा कमाल ने विकासशील देशों को चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) परियोजना के जरिये चीनी कर्ज जाल में न फंसने की चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा था कि सस्ते दर पर चीनी कर्ज लेने से पहले जरूरतमंद देशों को दो बार सोचना चाहिए। एक रिपोर्ट के अनुसार वित्त मंत्री ने बीजिंग को कर्ज देने के लिए एक अधिक मजबूत प्रक्रिया का पालन करने के लिए भी आगाह किया था।


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