पाकिस्तान-बांग्लादेश के बीच कूटनीतिक गतिरोध, पाकिस्तानी नागरिकों को वीजा देने पर लगी रोक
बांग्लादेश और पाकिस्तान के रिश्तों में तल्खी आ गई है। इस्लामाबाद स्थित बंग्लादेश हाई कमीशन ने पाकिस्तानी लोगों को एक सप्ताह के लिए वीजा जारी करना की प्रक्रिया को बंद कर दिया है।
ढाका,प्रेट्र। इस्लामाबाद स्थित बंग्लादेश हाई कमीशन ने पाकिस्तानी लोगों को एक सप्ताह के लिए वीजा जारी करना की प्रक्रिया को बंद कर दिया है। बांग्लादेश में 1971 के मुक्ति संग्राम में युद्ध अपराध के कई दोषियों को फांसी देने और पाकिस्तान के उच्चायुक्त को वीजा से इन्कार किए जाने को लेकर दोनों देशों में पहले से ही कूटनीतिक तनातनी चल रही है। बताया जा रहा है कि पाकिस्तान में तैनात एक बांग्लादेशी राजनयिक के पारिवारिक सदस्यों को वीजा जारी नहीं किए जाने के विरोध में यह कदम उठाया गया है।
बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि 'आप इसे पाकिस्तानी रवैये के खिलाफ विरोध के तौर के पर देख सकते हैं। हालांकि ढाका स्थित विदेश मंत्रालय ने इस पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है और न ही पाकिस्तानी नागरिकों को वीजा मुहैया करने पर पाबंदी को लेकर कोई सूचना जारी की है। अधिकारी ने कहा कि “वीजा मुहैया करने वाले बांग्लादेशी राजनयिक ने पाकिस्तानी नागरिकों के आवेदन को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है।
ढाका स्थित पाकिस्तान के उच्चायोग ने उसके परिवार के सदस्यों के वीजा आवेदन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने पर कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है।धिकारी ने बताया कि ढाका में तैनात पाकिस्तानी उच्चायोग बांग्लादेश के उच्चायोग के प्रेस और वीजा मामलों के काउंसलर इकबाल हुसैन के पारिवारिक सदस्यों की वीजा प्रक्रिया में देरी कर रहा है। इससे वह अपने परिवार से मिल नहीं पा रहे। हुसैन अपनी बेटी के साथ इस्लामाबाद में रह रहे हैं जबकि उनकी पत्नी और बेटा ढाका में हैं। ढाका ट्रिब्यून अखबार में इकबाल हुसैन के हवाले से कहा गया है, 'पाकिस्तानी नागरिकों को वीजा जारी नहीं किया जा रहा। इस्लामाबाद स्थित बांग्लादेशी उच्चायुक्त का वीजा काउंटर 13 मई से बंद है। इस बारे में पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय को जानकारी दी जा चुकी है।'
गौरतलब है कि वर्ष 1971 की जंग में पाकिस्तानी सैनिको को फांसी देने के आदेश के खिलाफ पाकिस्तान की सदनों में बांग्लादेश के खिलाफ काफी प्रस्तावों को पारित किया था। साथ ही कई मंत्रालयों ने ढाका के खिलाफ बयान भी जारी किए थे। अधिकारी के मुताबिक, हुसैन पाकिस्तान में अपनी बेटी के साथ रह रहा है जबकि उनकी पत्नी और बेटा ढाका में ही है। हालांकि इस मामले पर अभी तक किसी अधिकारी ने स्पष्ट बयान नहीं दिया है। दोनों देशों के रिश्तों में वर्ष 2016 में तल्खी आई जब बांग्लादेश ने पाकिस्तान पर उनके तीन अधिकारियों को वापस लेने के लिए दबाव बनाया था।
पाक के नए उच्चायुक्त का बांग्लादेश ने किया था विरोध
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने मार्च, 2018 में सकलैन सैयदा को बांग्लादेश में अपना नया उच्चायुक्त नियुक्त किया था। तब बांग्लादेश ने इस नियुक्ति का विरोध करते हुए पाकिस्तान से कहा था कि वह सकलैन की नियुक्ति को स्वीकार नहीं कर सकता। उनकी जगह किसी अन्य को नामित किया जाए। माना जा रहा है कि बांग्लादेशी राजनयिक के पारिवारिक सदस्यों के वीजा में इसी वजह से देरी की जा रही है।
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