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रोहिंग्या मुसलमानों की पूर्ण वापसी पर बांग्लादेश ने म्यांमार से जताई सहमत

मामले में म्यांमार में वापसी कर रहे रोहिंग्याओं के लिए अस्थायी आश्रय प्रदान करने का प्रयास करने पर विचार किया गया।

By Srishti VermaEdited By: Published: Tue, 16 Jan 2018 12:46 PM (IST)Updated: Tue, 16 Jan 2018 12:54 PM (IST)
रोहिंग्या मुसलमानों की पूर्ण वापसी पर बांग्लादेश ने म्यांमार से जताई सहमत

ढ़ाका (रायटर्स)। बांग्लादेश ने रोहिंग्या मुस्लिमों की पूर्ण वापसी पर म्यामार के साथ सहमति जताई है। दक्षिण एशियाई राष्ट्र ने मंगलवार को कहा दो सालों में रोहिंग्या मुसलमानों के पूर्ण वापसी पर म्यांमार के साथ सहमति कर ली गई है। यह सहमति पड़ोसी देश के साथ पिछले साल एक समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद लिया गया। हालांकि बांग्लादेशी विदेश मंत्रालय के एक बयान में यह नहीं कहा गया है कि यह प्रक्रिया कब शुरु होगी। इस मामले में म्यांमार में वापसी कर रहे रोहिंग्याओं के लिए अस्थायी आश्रय प्रदान करने का प्रयास करने पर विचार किया गया।

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30 हजार रोहिंग्याओं के लिए म्यामांर में बनेंगे आवास

बांग्लादेश से लौटने वाले रोहिंग्या मुस्लिम और हिंदू शरणार्थियों के लिए म्यांमार में अगले सप्ताह तक आवास तैयार हो जाएंगे। ये अस्थायी आवास 30 हजार लोगों के लिए तैयार होंगे। बांग्लादेश से लौटने वाले रोहिंग्या मुस्लिम और हिंदू शरणार्थियों के लिए म्यांमार में अगले सप्ताह तक आवास तैयार कर दिए जाएंगे।

ये अस्थायी आवास म्यांमार और बांग्लादेश के अधिकारियों के बीच हुए समझौते की निर्धारित समय सीमा के भीतर तैयार हो रहे हैं। अगस्त 2017 में म्यांमार के रखाइन प्रांत में हुई हिंसा में करीब साढ़े छह लाख रोहिंग्या मुस्लिम भागकर बांग्लादेश चले गए थे। यह हिंसा रोहिंग्या आतंकियों के म्यांमार के सुरक्षा बलों पर किए गए हमले की प्रतिक्रिया में हुई थी।

जो जहां का निवासी उसे वहीं बसाने की पहल

म्यांमार के समाज कल्याण, राहत और पुनर्वास मंत्री विन म्याट ए ने बताया है कि सोमवार को दोनों देशों के अधिकारी शरणार्थियों की वापसी के अन्य आवश्यक बिंदुओं पर चर्चा करेंगे। इसके बाद शरणार्थियों की वापसी का सिलसिला शुरू होगा।

पुनर्वास मामलों के मुख्य समन्वयक आंग तुन थेट ने कहा है कि जो जहां का मूल निवासी है, उसे उसी इलाके में फिर से बसाने की कोशिश की जाएगी। इसके लिए सुबूतों के आधार पर कार्य किया जाएगा। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार संगठन ने वापस आने वाले शरणार्थियों की सुरक्षा का पर्याप्त बंदोबस्त करने की अपील म्यांमार की सरकार से की है।

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