अफगानिस्तान में चुनाव लड़ने से रोके गए कई सांसद
इनमें से कई ने चुनाव बाधित करने की धमकी दी है। युद्ध प्रभावित देश में 20 अक्टूबर को संसदीय चुनाव होना है।
काबुल [रायटर]। अफगानिस्तान में बिगड़ते सुरक्षा हालात के चलते पहले से ही खतरे में पड़े आम चुनाव पर संकट के बादल गहरा गए हैं। सशस्त्र समूहों से संबंध रखने के संदेह में दर्जनों सांसदों और प्रभावशाली लोगों के संसदीय चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी गई है। इनमें से कई ने चुनाव बाधित करने की धमकी दी है। युद्ध प्रभावित देश में 20 अक्टूबर को संसदीय चुनाव होना है।
अफगानिस्तान के आंतरिक हालात के लिहाज से इन चुनाव को अहम माना जा रहा है। इसके बाद अगले साल राष्ट्रपति चुनाव होगा। इन चुनावों को पहले ही कई बार टाला जा चुका है। अब चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित किए गए उम्मीदवार मुसीबत खड़ी कर रहे हैं। अफगानिस्तान के निर्वाचन शिकायत आयोग (ईसीसी) ने 35 लोगों के चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी है।
इन प्रतिबंधित लोगों में शामिल सांसद असदुल्ला शरीफ ने कहा, 'अगर उन्होंने मुझे चुनाव लड़ने नहीं दिया तो दंगा, विरोध प्रदर्शन और सड़क जाम होगा। चुनाव लड़ने के लिए मैं सब कुछ करूंगा।' चुनाव लड़ने से रोके गए काबुल के सांसद मुल्ला ताराखेल ने एक टीवी चैनल से कहा, 'ईसीसी ने मुझे चुनाव में खड़े होने से रोककर बहुत बड़ी गलती की है। मेरे समर्थक मुसीबत खड़ी कर सकते हैं।'
चुनाव अधिकारियों ने इस महीने उन 100 से ज्यादा संभावित उम्मीदवारों से पूछताछ की थी जिनके खिलाफ शिकायत मिली थी। इनमें से कई ने सशस्त्र समूहों से संबंध रखने पर यह दलील दी कि उन्होंने आतंकी ¨हसा और अपहरण से बचने के लिए सशस्त्र सुरक्षाकर्मी रखे हैं। इसका यह मतलब नहीं कि उनका संबंध प्रतिबंधित समूहों से है।
संयुक्त राष्ट्र ने किया स्वागत
संयुक्त राष्ट्र ने अफगानिस्तान में उम्मीदवारों की जांच-पड़ताल करने के कदम का स्वागत किया है। संयुक्त राष्ट्र 20 अक्टूबर को होने वाले चुनाव की निगरानी कर रहा है।
तालिबान ने वोटरों को दी है धमकी
हाल में हमले तेज करने वाले आतंकी संगठन तालिबान ने वोटरों को मतदान में हिस्सा नहीं लेने की धमकी दी है। उसके आतंकी कई वोटर पंजीकरण केंद्रों को निशाना बना चुके हैं। इनमें कई लोग मारे जा चुके हैं।