घातक वायरस के जांच को ऑस्ट्रेलिया का समर्थन, टैरिफ पर चीन की आलोचना
चीन के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया समेत कई देशों ने जांच की मांग की है वहीं उसके द्वारा ऑस्ट्रेलियाई बार्ली पर लगाए गए भारी टैरिफ की निंदा भी की है।
कैनबरा, एपी। चीन ने ऑस्ट्रेलियाई बार्ली (Australian barley) पर टैरिफ लगा दिया जिसपर ऑस्ट्रेलिया ने मंगलवार नाराजगी जाहिर की और कोरोना वायरस महामारी की जांच के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन के पहल का स्वागत किया। इससे पहले चीन ने ऑस्ट्रेलिया से बीफ आयात को भी निलंबित कर दिया। साथ ही धमकी भी दी थी कि ऑस्ट्रेलिया से आयात होने वाले सामानों पर भारी टैरिफ लगाएगा।
उल्लेखनीय है कि चीन और कोरोना वायरस के मामले पर जांच के लिए दिए गए प्रस्ताव को ऑस्ट्रेलिया ने भी समर्थन दिया है। महामारी को लेकर चीन की वैश्विक स्तर पर निंदा की जा रही है। इसके खिलाफ चीन ने व्यापार को हथियार के तौर पर इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। इसके पहले भी कई बार उसने अपनी बात मनवाने के लिए व्यापारिक प्रतिबंधों का इस्तेमाल किया है।
ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन के नेतृत्व वाली सरकार ने कोरोना की उत्पत्ति की गहन जांच कराने की मांग की है। अमेरिका ने भी इस मांग का समर्थन किया है। लेकिन चीन ने अपने खिलाफ उठ रहे विरोध को शांत करने के लिए कारोबारी प्रतिबंध के हथियार को सबसे पहले ऑस्ट्रेलिया पर आजमा रहा है। चीन यह रणनीति राजनीतिक विवादों को लेकर नार्वे और कनाडा की सरकारों के खिलाफ पहले आजमा चुका है।
अमेरिका, जर्मनी, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया समेत कई देश कोरोना महामारी के लिए चीन को जिम्मेदार मान रहे हैं। इन देशों का मानना है कि चीन ने कोरोना वायरस पर पारदर्शिता नहीं दिखाई। बर्मिंघम ने बताया कि बीफ व बार्ली दोनों मुद्दों पर ऑस्ट्रेलिया चीन को विश्व व्यापार संगठन में ले जाने को तैयार है।
विश्व स्वास्थ्य सभा के 73वें सत्र में अफ्रीकी समूह के राष्ट्रों ने भी उस मसौदा प्रस्ताव को समर्थन दिया, जो कोरोना वायरस के प्रसार की वैश्विक जांच चाहता है। बता दें कि 73वें विश्व स्वास्थ्य सभा के लिए प्रस्तावित मसौदा प्रस्ताव में कोरोना महामारी की डब्ल्यूएचओ की भूमिका की स्वतंत्र जांच का आह्वान किया गया है।