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अपने नौसैनिकों को एशिया प्रशांत क्षेत्र में तैनात करेगा ऑस्ट्रेलिया, हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन बढ़ा रहा आक्रामकता

रक्षा मंत्री लिंडा रिनॉल्ड्स का हवाला देते हुए एबीसी न्यूज ने खबर दी है कि ऑस्ट्रेलिया अब हर साल रॉयल ऑस्ट्रेलियन नेवी शिप पश्चिम एशिया नहीं भेजेगा। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया होरमुज जलडमरूमध्य में अमेरिका के नेतृत्व वाले गश्ती दल से भी हट जाएगा।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Sat, 24 Oct 2020 05:42 PM (IST)Updated: Sat, 24 Oct 2020 05:42 PM (IST)
अपने नौसैनिकों को एशिया प्रशांत क्षेत्र में तैनात करेगा ऑस्ट्रेलिया, हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन बढ़ा रहा आक्रामकता
इस साल जंगलों में लगी आग बुझाने में और कोविड-19 संकट के खिलाफ नौसेना ने बड़ी मदद की है।

कैनबरा, एएनआइ। हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती आक्रामकता के बीच ऑस्ट्रेलिया ने एलान किया है कि वह अपने नौसैनिकों को पश्चिम एशिया से एशिया-प्रशांत और चीनी इलाके में स्थानांतरित करेगा। रक्षा मंत्री लिंडा रिनॉल्ड्स का हवाला देते हुए एबीसी न्यूज ने खबर दी है कि ऑस्ट्रेलिया अब हर साल रॉयल ऑस्ट्रेलियन नेवी शिप पश्चिम एशिया नहीं भेजेगा। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया होरमुज जलडमरूमध्य में अमेरिका के नेतृत्व वाले गश्ती दल से भी हट जाएगा।

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रिनॉल्ड्स ने कहा कि इस साल जंगलों में लगी आग बुझाने में और कोविड-19 संकट के खिलाफ नौसेना ने बड़ी मदद की है। इसके अलावा पूरे दक्षिण-पूर्व एशिया और प्रशांत क्षेत्र में हमारे पांच जहाज तैनात रहे। यह प्रशांत क्षेत्र में हमारी पहल और क्षेत्रीय साझीदारों के साथ गतिविधि बढ़ाने को लेकर हमारी प्रतिबद्धता को व्यक्त करता है। नतीजतन ऑस्ट्रेलियाई सुरक्षा बल पश्चिम एशिया में अपनी नौसैनिक उपस्थिति को कम करेगा, ताकि अपने क्षेत्र में सहयोग बढ़ाया जा सके।

हिंद प्रशांत क्षेत्र में स्थायी शांती लाएगा क्वाॉड

वहीं, दूसरी ओर हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के आक्रामक रवैये को रोकते हुए नियमों के मुताबिक शांति स्थापित की जाएगी। चार देशों का समूह क्वॉड इसके लिए महत्वपूर्ण पहल करेगा। भारत-अमेरिका के विदेश एवं रक्षा मंत्रियों के बीच होने वाली टू-प्लस-टू वार्ता से पहले ट्रंप प्रशासन ने यह बात कही है। 

संभावना जताई जा रही है कि अगले सप्ताह 27 और 28 अक्टूबर को होने वाली वार्ता में इस संबंध में कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर निर्णय लिए जाएंगे। इस वार्ता के लिए अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोंपियो और रक्षा मंत्री एस्पर भारत आ रहे हैं। यहां के बाद वे मालदीव और श्रीलंका भी जाएंगे।  

अमेरिकी प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी ने यहां कहा कि 2017 से ही अमेरिका, जापान, आस्ट्रेलिया और भारत ने शांति प्रयासों के लिये प्रस्ताव तैयार किया था। चीन की आक्रामकता को देखते हुए इस पर अब तेजी से कार्य किया जा रहा है। 


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