सिडनी, रायटर्स। ऑस्ट्रेलिया ने कहा है कि परमाणु संचालित अमेरिकी हमलावर पनडुब्बी खरीदने के लिए हुए करार के बदले ताइवान को लेकर किसी भी सैन्य संघर्ष में उसने अमेरिका का समर्थन करने का वादा नहीं किया है। ऑस्ट्रेलिया के रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्लेस ने रविवार को सफाई देते हुए यह बात कही।

एयूकेयूएस परियोजना का उद्घाटन

ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और ब्रिटेन ने सोमवार को कई दशकों वाली एयूकेयूएस परियोजना का उद्घाटन किया। कैनबेरा अमेरिकी वर्जीनिया-श्रेणी की सैन्य पनडुब्बी खरीदने जा रहा है। ब्रिटेन और आस्ट्रेलिया एसएसएन-एयूकेयूएस श्रेणी की एक नई पनडुब्बी का निर्माण और संचालन करेंगे।

चीन को देखते हुए किया गया समझौता

ऑस्ट्रेलिया की मध्यमार्गी-वामपंथी लेबर पार्टी की सरकार ने कहा कि क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य शक्ति को देखते हुए 246 अरब अमेरिकी डॉलर का सौदा आवश्यक है। यह दूसरे विश्व युद्ध के बाद का सबसे बड़ा सौदा है। यह पूछे जाने पर कि क्या ऑस्ट्रेलिया ने ताइवान पर संघर्ष के दौरान अमेरिका की किसी प्रकार की सहायता के लिए प्रतिबद्ध है तो मार्लेस ने कहा कि निश्चित रूप से नहीं और न ही मांग की गई।

ताइवान पर कब्जा चाहता है चीन

बता दें कि चीन लोकतांत्रिक रूप से शासित ताइवान को अपना क्षेत्र मानता है और उसने कभी भी ताइवान पर कब्जा करने के प्रयासों को कम नहीं किया है। राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि अगर चीन ताइवान पर हमला करता है, तो अमेरिका ताइवान की रक्षा करने के लिए आगे आएगा।

एयूकेयूएस सौदे का स्वागत

एयूकेयूएस सौदे को एशियाई सहयोगियों ने स्वागत किया, लेकिन इस समझौते को चीन ने परमाणु प्रसार का एजेंडा बताया। ऑस्ट्रेलियाई व्यापार मंत्री डॉन फैरेल ने रविवार को कहा कि उन्हें विश्वास है कि एयूकेयूएस के बावजूद, अपने समकक्ष वांग वेंटाओ से मिलने के लिए चीन की यात्रा करेंगे।

Edited By: Devshanker Chovdhary