Move to Jagran APP

New Zealand Shooting: चश्‍मदीद बोले, अल नूर मस्जिद में घुसते ही हमलावर ने शुरू कर दी फायरिंग

लिंवुड मस्जिद में हमले के समय मौजूद रहे सैयद मजहरुद्दीन ने कहा शरीर पर हथियारों वाले जैकेट और हेलमेट लगाए एक व्यक्ति मस्जिद में घुसा और फायरिंग शुरू कर दी।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Fri, 15 Mar 2019 10:59 PM (IST)Updated: Sat, 16 Mar 2019 01:38 AM (IST)
New Zealand Shooting: चश्‍मदीद बोले, अल नूर मस्जिद में घुसते ही हमलावर ने शुरू कर दी फायरिंग
New Zealand Shooting: चश्‍मदीद बोले, अल नूर मस्जिद में घुसते ही हमलावर ने शुरू कर दी फायरिंग

 क्राइस्टचर्च, एएफपी। अंधाधुंध फायरिंग में भाग्य से बच निकलने वाले लोगों ने बताया कि बंदूकधारी ने किसी भी पर रहम नहीं की। उसके सामने जो भी आया उसे मारता चला गया। बुजुर्गों और बच्चों को भी नहीं बख्शा।

loksabha election banner

अनवर अलसालेह भी हमले वक्त अल नूर मस्जिद में थे। वह अभी जुमे की नमाज अदा करने की तैयारी ही कर रहे थे कि फायरिंग शुरू हो गई। अनवर ने बाथरूम में छिपकर अपनी जान बचाई।

Image result for New Zealand Shooting

अनवर ने बताया कि बंदूकधारी मुस्लिमों के बारे में बहुत बुरा बोल रहा था, वह जोर-जोर से चिल्लाकर कह रहा था, 'हम आज तुम्हें मार डालेंगे।' लोग उससे दया की भीख मांगते रहे, लेकिन वह उन पर तब तक गोलियां चलाता रहा, जब तक कि उनकी जान नहीं चली जा रही थी।

अल नूर मस्जिद से लगभग पांच किलोमीटर दूर लिंवुड मस्जिद में हमले के समय मौजूद रहे सैयद मजहरुद्दीन ने कहा, 'शरीर पर हथियारों वाले जैकेट और हेलमेट लगाए एक व्यक्ति मस्जिद में घुसा और फायरिंग शुरू कर दी। प्रवेश द्वार के पास ही बुजुर्ग लोग नमाज अदा कर रहे थे। उसने उन लोगों को निशाना बनाकर फायरिंग की। एक महिला चिल्लाने लगी तो उसने उसके चेहरे से हथियार सटाकर गोली मार दी।'

मजहरुद्दीन ने बताया कि मस्जिद की देख-रेख करने वाले एक नौजवान ने हिम्मत दिखाई। मौका मिलते ही उसने बंदूकधारी पर हमला कर दिया और उसका गन छीन लिया। इसके बाद हमलावर भागा। युवक ने उसका पीछा किया, लेकिन वह बाहर कार में इंतजार कर रहे लोगों के साथ गाड़ी में बैठकर भाग गया।

एक अन्य गवाह ने बताया कि अल नूर मस्जिद में हमला करने वाले बंदूकधारी ने अपने पैरों पर मैगजीन बांध रखे थे। एक अन्य व्यक्ति ने बताया कि लोगों की जान लेते वक्त बंदूकधारी बहुत शांत नजर आ रहा था।

अफगानी शरणार्थी मीरवाइज ने बताया, 'वह हमारे कमरे के सामने फायरिंग करने लगा। मैं जमीन पर लेट गया, एक गोली मेरे सिर के ऊपर से निकल गई। अगर गोली जरा भी नीचे से निकलती तो उनकी मौत हो गई होती।'

घटना के समय अल नूर मस्जिद के पास से गुजर रहे कार्ल पोमारे ने कहा कि उन्होंने देखा कि अचानक से लोग मस्जिद से निकलकर भागने लगे। उन लोगों ने तुरंत अपनी गाड़ी रोकी और दूसरे लोगों के साथ मिलकर घायलों को अस्पताल पहुंचाया। एक लड़की गंभीर रूप से घायल थी। एक लड़के ने इलाज के दौरान एक व्यक्ति की गोद में ही दम तोड़ दिया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.