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कई गुना तेजी से फैल रहा है बिना लक्षण वाला कोरोना वायरस, ऐसे मरीज बन रहे सबसे बड़ा खतरा

क्रूज शिप के यात्रियों पर अध्ययन कर ऑस्ट्रेलियाई शोधकर्ताओं ने यह दावा किया है। इसमें कहा गया है संक्रमण की व्यापकता कम आंकी जा रही है विशेष रणनीति की जरूरत है।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Wed, 03 Jun 2020 09:27 AM (IST)Updated: Wed, 03 Jun 2020 09:27 AM (IST)
कई गुना तेजी से फैल रहा है बिना लक्षण वाला कोरोना वायरस, ऐसे मरीज बन रहे सबसे बड़ा खतरा
कई गुना तेजी से फैल रहा है बिना लक्षण वाला कोरोना वायरस, ऐसे मरीज बन रहे सबसे बड़ा खतरा

मेलबर्न, प्रेट्र। कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमितों में बड़ी संख्या में ऐसे मरीज भी हैं जो एसिमटोमेटिक हैं यानी इन मरीजों में कोरोना के लक्षण ही नहीं देखते जाते लेकिन ये वायरस से संक्रमित होते हैं। एक नए अध्ययन में शोधकर्ताओं का कहना है कि बिना लक्षण वाला कोरोना अनुमान से कई गुना तेजी से अपने पांव पसरा रहा है। कोविड-19 की महामारी के दौरान आइसोलेशन में रह रहे क्रूज शिप के यात्रियों पर किए एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने यह दावा किया है।

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ऑस्ट्रेलिया की मैक्वेरी यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने बताया है कि यह पहला अध्ययन है जिसमें क्रूज शिप में मौूजद सभी यात्रियों के कोविड-19 के टेस्ट का विश्लेषण किया गया है। यह अध्ययन जर्नल थोरैक्स में प्रकाशित हुआ है। अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि क्रूज में मौजूद पांच में से चार यात्री कोरोना पॉजिटिव थे लेकिन उनमें कोरोना वायरस कोई लक्षण नहीं था। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह वायरस कितना खतरनाक है। अध्ययन के परिणामों के आधार पर वैज्ञानिकों का मानना है कि क्रूज जहाजों पर कोरोना वायरस के संक्रमण की व्यापकता को कम करके आंका गया है।

उन्होंने कहा कि संक्रमण के बाद सामुदायिक प्रसारण को रोकने के लिए सभी यात्रियों की निगरानी करने के लिए विशेष रणनीतियों की आवश्यकता होती है। इसलिए सबसे पहले यह पता लगाने की जरूरत है कि अब तक कितने लोग संक्रमित हो चुके हैं और इसके बाद संक्रमितों को आइसोलेट करना चाहिए। इस तरीके से वैश्विक स्तर पर इसके संक्रमण को कम किया जा सकता है।

शोधकर्ताओं ने कहा कि ऐसे मरीज सबसे ज्यादा खतरनाक साबित हो सकते हैं, जिनमें कोरोना के लक्षण ही नहीं देखते जाते। ऐसे मरीज सामुदायिक संक्रमण का कारण बन सकते हैं। इसलिए व्यापक स्तर पर टेस्टिंग अभियान चलाए जाने चाहिए ताकि बिना लक्षण वाले मरीजों की पहचान हो सके और संक्रमित लोगों को समय रहते आइसोलेट किया जा सके।


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