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म्यांमार में सैन्य शासक पर दबाव डालने पहुंचे आसियान के दूत, शीर्ष अधिकारियों के साथ करेंगे बातचीत

दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ (आसियान) के दूत 1 फरवरी के सैन्य तख्तापलट के बाद देश में वर्तमान राजनीतिक स्थिति के बारे में शीर्ष अधिकारियों के साथ बातचीत करने के लिए म्यांमार में हैं।दूत ब्रुनेई के विदेश मामलों के दूसरे मंत्री एरीवान बिन पेहिन यूसुफ हैं।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Sat, 05 Jun 2021 02:57 PM (IST)Updated: Sat, 05 Jun 2021 02:57 PM (IST)
म्यांमार में सैन्य शासक पर दबाव डालने पहुंचे आसियान के दूत, शीर्ष अधिकारियों के साथ करेंगे बातचीत
सैन्य तख्तापलट के बाद म्यांमार पहुंचे आसियान के दूत।(फोटो: दैनिक जागरण)

बैंकाक, एपी। छह सप्ताह पहले हुई आसियान की बैठक में म्यांमार के सैन्य प्रमुख के समक्ष पांच बिंदुओं पर सहमति के बाद भी अभी कोई प्रगति नहीं हुई है। अब इनको पूरा कराने के लिए आसियान के प्रतिनिधि म्यांमार पहुंचे हैं। स्थानीय मीडिया के अनुसार यहां पहुंचे ब्रुनेई के द्वितीय विदेश मंत्री एरीवन यूसुफ और दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों के संगठन आसियान के महासचिव लिम जोक होई की मुलाकात म्यांमार के सैन्य शासन जुंटा प्रमुख सीनियर जनरल मिंग आंग लाइंग से हुई है। इस मुलाकात में किन मुद्दों पर बातचीत सार्थक रही, अभी इसकी जानकारी नहीं दी गई है। विपक्षी राष्ट्रीय एकता सरकार के प्रतिनिधियों ने प्रतिनिधियों के पहुंचने पर अच्छी प्रतिक्रिया दी है। उनका कहना है कि आसियान प्रतिनिधियों को उनसे भी मुलाकात करनी चाहिए। अब म्यांमार की जनता देखना चाहती है कि आसियान सैन्य शासन जुंटा पर बैठक में तय किए बिंदुओं को पूरा करने के लिए कितना दबाव बना है।

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आसियान देशों में म्यांमार समेत एक समूह चाहता है कि सदस्य देशों के आंतरिक मामलों में कोई दखल न दिया जाए। जबकि बाकी सदस्य देशों का मानना है कि कूटनीतिक प्रयासों से इस मसले को सुलझाया जाए। चार महीने पहले एक फरवरी को म्यांमार में निर्वाचित सरकार को अपदस्थ करके वहां सैन्य शासन स्थापित किया गया था। आसियान के नेताओं ने पिछले पांच हफ्तों में पांच सूत्रीय सहमति बनाई है। ताकि म्यांमार में हिंसा खत्म हो जाए और विशेष दूत की नियुक्ति की जा सके।

म्यांमार में लगातार संघर्ष जारी है

इस बीच, म्यांमार के लोकतंत्र समर्थकों ने मंगलवार को कुछ जिलों में सेना और जुंटा विरोधी लड़ाकों ने सीमावर्ती इलाकों में लड़ाई जारी रखी है। हालांकि म्यांमार की सेना ने इन विरोध प्रदर्शनों का बेहद घातक तरीके से दमन कर रही है लेकिन अपदस्थ नेता आन सांग सू की के समर्थक खुलकर अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखे हुए हैं।


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