Armenia-Azerbaijan Ceasefire: युद्ध विराम के बाद नागोर्नो काराबाख लौट रहे हैं आर्मेनिया के नागरिक
Armenia-Azerbaijan Ceasefire आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच 27 सितंबर से चल रहे युद्ध के बाद लागू हुए संघर्ष विराम के तहत बड़ी संख्या में आर्मेनियाई अपने वतन लौट रहे हैं। दोनों देशों के बीच लड़ाई में सैकड़ों लोग मारे गए थे।
स्तेपनाकर्त, एपी। आर्मेनिया और आजरबैजान के बीच लंबे समय तक चले युद्ध के बाद हुए संघर्ष विराम के मद्देनजर अब बड़ी संख्या में आर्मेनियाई अपने वतन लौट रहे हैं, जबकि नागोर्नो काराबाख की राजधानी स्तेपनाकर्त के मुख्य चौराहे पर लोग खुशियां मनाते और एक दूसरे को लगे लगाते देखे गए।
मास्को की मध्यस्थता वाला यह संघर्ष विराम आजरबैजान के पक्ष वाला माना जा रहा है और इससे आर्मेनिया के काफी लोग नाराज भी हैं लेकिन उन्होंने हिंसा के कारण घर छोड़ कर जाने वाले लोगों को लौटने की इजाजत दी है। लड़ाई में घायल हुए दो बेटों के पिता नोन अगस्यान ने कहा, 'मुझे अच्छा लग रहा है क्योंकि मैं अपने बेटों के पास लौट रहा हूं।’
रूस के रक्षा मंत्रालय के अनुसार संघर्ष विराम समझौते के अनुरूप वहां तैनात रूसी शांतिरक्षकों ने शनिवार से नागोर्नो काराबाख लौट रहे 1,200 से अधिक लोगों को पहुंच मुहैया कराई है। इस बीच, तुर्की की संसद ने राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन की सरकार को संघर्ष विराम की निगरानी के लिए अजरबैजान में शांति रक्षक तैनात करने की अनुमति दी।
रूस ने अजरबैजान और आर्मेनिया के बीच जारी लड़ाई खत्म कराने में मध्यस्थता की है। शांति समझौते के दोनों देशों में करीब दो हजार रूसी शांति सैनिकों को तैनात किया जाना है। यह कदम नागोर्नो-काराबाख के आर्मेनिया के नियंत्रण वाले हिस्से तक रूसी शांति सैनिकों को सुरक्षित रास्ता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
बता दें कि आर्मीनिया और अजरबैजान दुनिया के नक्शे में दो छोटे से देश हैं, लेकिन इन दो देशों के बीच नागोर्नो काराबाख को लेकर 27 सितंबर को दोबारा से जंग शुरू हुई थी। दोनों देशों के बीच मध्यस्थता के लिए रूस और अमेरिका ने अपनी तरफ से प्रयास किए थे।