आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच शहरों तक पहुंची लड़ाई, जानिए क्यों दोनों देशों के बीच चल रहा है खूनी संघर्ष
अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव के सहयोगी हिकमत हाजीयेव ने रविवार को बताया कि आर्मेनिया ने मिसाइल हमलों में गांजा और मिंगाशेवीर जैसे बड़े शहरों को निशाना बनाया। गांजा अजरबैजान का दूसरा सबसे बड़ा शहर है और नागोर्नो-कारबाख से करीब 100 किलोमीटर दूर है।
बाकू (अजरबैजान), एपी। आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच विवादित क्षेत्र नागोर्नो-कारबाख में छिड़ी लड़ाई अब शहरों तक पहुंच गई है। अजरबैजान ने आर्मेनिया पर आरोप लगाया कि वह विवादित क्षेत्र से बाहर उसके शहरों को भी निशाना बना रहा है।
अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव के सहयोगी हिकमत हाजीयेव ने रविवार को बताया कि आर्मेनिया ने मिसाइल हमलों में गांजा और मिंगाशेवीर जैसे बड़े शहरों को निशाना बनाया। गांजा अजरबैजान का दूसरा सबसे बड़ा शहर है और नागोर्नो-कारबाख से करीब 100 किलोमीटर दूर है। मिंगाशेवीर भी विवादित क्षेत्र से तकरीबन इतना ही दूर है। इस शहर में एक जलाशय और बड़ा बिजली संयंत्र है। हालांकि आर्मेनिया के रक्षा मंत्रालय ने शहरों को निशाना बनाने के आरोपों को खारिज किया है। मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि शहरों की ओर कोई मिसाइल दागी नहीं गई।
27 सितंबर से चल रही है दोनों देशों के बीच लड़ाई
बता दें कि पूर्व सोवियत संघ के इन दोनों देशों के बीच विवादित क्षेत्र को लेकर गत 27 सितंबर से लड़ाई चल रही है। इसमें अब तक दर्जनों लोगों की जान जा चुकी है और सैकड़ों घायल हुए हैं। 2016 के बाद दोनों में यह सबसे भीषण लड़ाई बताई जा रही है। आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच नागोर्नो-कारबाख क्षेत्र को लेकर लंबे समय से विवाद है।
गौरतलब है कि अजरबेजान के नागरिक ठिकानों पर हमले के ताजा दावे के बाद लड़ाई का दायरा फैलने की आशंका पैदा हो गई है। अभी तक लड़ाई का केंद्र अजरबेजान का नागोरनो-कराबाख इलाका बना हुआ है। यहां की बहुसंख्य आबादी आर्मेनियाई मूल के ईसाइयों की हैं जिन्हें मुस्लिम बहुल अजरबेजान पसंद नहीं करता। इसी के चलते सोवियत संघ टूटने के बाद अजरबेजान और आर्मेनिया के बीच लगातार तनातनी चल रही है।