एंटीबॉडी का पता लगाने वाली किट को मिली अनुमति, अब कोरोना से लड़ने में मिलेगी मदद
सिंगापुर की ड्यूक नेशनल यूनिवर्सिटी के संक्रमित बीमारियों से संबंधित योजना विभाग के प्रोफेसर वांग लिंफा के नेतृत्व में विज्ञानियों के दल ने इसे विकसित किया है। इसके लिए एक अन्य बायोटेक कंपनी की भी मदद ली गई।
सिंगापुर, प्रेट्र। अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने एक ऐसी किट को मान्यता दे दी है, जो यह पता लगाने में सक्षम है कि कोरोना के खिलाफ लड़ने वाली एंटीबॉडी शरीर में है या नहीं। सिंगापुर के शोधकर्ताओं ने इस किट को विकसित किया है। एफडीए ने अपनी वेबसाइट पर बताया कि हमने इस किट के आपातकालीन प्रयोग को अनुमति दे दी है। इस किट को सीपास नाम दिया गया है।
सिंगापुर की ड्यूक नेशनल यूनिवर्सिटी के संक्रमित बीमारियों से संबंधित योजना विभाग के प्रोफेसर वांग लिंफा के नेतृत्व में विज्ञानियों के दल ने इसे विकसित किया है। इसके लिए एक अन्य बायोटेक कंपनी की भी मदद ली गई। बता दें कि सिंगापुर में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 58,064 तक पहुंच गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, लगातार चार दिनों में कोई नया मामला सामने नहीं आया है।
कोरोना से लड़ने में मिलेगी मदद
इसे तैयार करने वाले शोधकर्ताओं का कहना है कि इस किट की मदद से कोरोना से लड़ने में मदद मिलेगी। शोधकर्ताओं के मुताबिक, इस किट का कई तरह से प्रयोग किया जा सकता है। इसकी मदद से यह पता लगाया जा सकता है कि जो दवा मरीजों को दी जा रही है वो कारगर है अथवा नहीं। साथ ही इससे यह भी पता लगाया जा सकता है कि कितनी आबादी संक्रमण के दायरे में आ गई है। चूंकि यह किट यह बताने में सक्षम है कि किसी के शरीर में कोरोना से लड़ने वाली एंटीबॉडी है या नहीं इसलिए इससे यह पता चल सकेगा कि उसके संक्रमित होने की आशंका कितनी है।
शोधकर्ताओं का कहना है कि इस किट का इस्तेमाल बेहद आसान है। इसके लिए किसी तरह के प्रशिक्षण या अन्य उपकरण की जरूरत नहीं पड़ेगी। साथ ही इससे परिणाम भी एक घंटे के भीतर ही प्राप्त किए जा सकेंगे।
प्रोफेसर वांग के मुताबिक, एफडीए से मान्यता मिलना न सिर्फ हमारी टीम के लिए, बल्कि सिंगापुर के लिए भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने दावा किया कि कोरोना वायरस को बेअसर करने वाली एंटीबॉडी की पहचान करने वाली यह पहली और एकमात्र मान्यता प्राप्त व्यावसायिक इस्तेमाल की किट है।