सामने आया चौंकाने वाला नस्लीय वीडियो, 22 साल बाद यहां फिर उठी रंगभेद की चिंगारी
इस वीडियो में यह कहा गया है कि आप हम में से एक को मार देते हैं, हम आप में से पांच को मार देंगे। हम बच्चों को मार देंगे, हम उनकी महिलाओं को मार देंगे
प्रिटोरिया [ जागरण स्पेशल ]। रंगभेद का मुद्दा भले ही 22 साल पुराना हो चुका हो, लेकिन दक्षिण अफ्रीका में अब भी इसके जख्म रह-रहकर उभर आते हैं। प्रिटोरिया में एक रंगभेदी वीडियो वायरल होने के बाद एक बार फिर यहां इस पर बहस शुरू हो गई है। इस वीडियो में काले लोगों को गोरे के खिलाफ उकसाया जा रहा है। खास बात यह है कि यह वीडियो एक राजनीतिक दल के मुखिया का है। यह वीडियो उस वक्त वायरल हुआ है, जब यहां अगले साल संसद के चुनाव होने हैं। निर्वाचन आयोग व मानवाधिकार आयोग ने इस वीडियो को संज्ञान में लिया है।
रंगभेद को उकसाता ये वीडियो
इन दिनों दक्षिण अफ्रीका में ब्लैक फर्स्ट लैंड फर्स्ट (बीएलएफ) के नेता एंडिल मिंगक्सितामा का एक वीडियो फुटेज सोशल मीडिया पर खुब वायरल हो रहा है। इस वीडियो में रंगभेद को उकसाया जा रहा है। यह वीडियो उत्तरी पश्चिमी में एक रैली के दौरान का बताया जा रहा है। इस रैली में सफेद दक्षिण अफ़्रीकी के खिलाफ हिंसा को उकसाया जा रहा है। इसमें कहा गया है कि टैक्सी उद्योग में मारे गए हर काले व्यक्ति का बदला लिया जाएगा। इसमें आगे कहा गया है कि एक काले व्यक्ति की हत्या के एवज में पांच सफेद लोगों को मार दिया जाएगा। इस वीडियो में मिंगक्सितामा बड़े जोश में यह कह रहे हैं कि आप हम में से एक को मार देते हैं, हम आप में से पांच को मार देंगे। हम बच्चों को मार देंगे, हम उनकी महिलाओं को मार देंगे, हम किसी भी चीज को मार देंगे जो हमें हमारे रास्ते में मिलती है।
निशाने पर बीएलएफ पार्टी, निर्वाचन आयोग ने लिया संज्ञान
वीडियो वायरल होने के बाद यहां अन्य राजनीतिक दल भी सक्रिय हो गए। दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद उकसाने को लेकर बीएलएफ पार्टी की निंदा की जा रही है। शिकायत के बाद मानवाधिकार आयोग ने भी इस वीडियो का संज्ञान में लिया है। आयोग इस वीडियो की जांच कर रहा है। देश के निर्वाचन आयोग ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया है। यह कयास लगाया जा रहा है कि यदि यह आरोप सही निकले तो बीएलएफ पार्टी की मान्यता रद हाे सकती है।
उधर, वीडियो मामला अदालत तक पहुंच गया है। एक फोरम ने मिंगक्सितामा के खिलाफ घृणित भाषण का आरोप लगाया है। फोरम के डिप्टी चीफ एक्जीक्यूटिव अर्न्स्ट रोट्स ने कहा कि यह हिंसा काे भड़काने के लिए बेहद घृणास्पद भाषण था। इस फोरम ने अदालत से अनुरोध किया कि मिंगक्सितामा को नफरत भाषण के खिलाफ प्रचार करने वाले संगठन पर आर्थिक दंड भी लगाए जाए।
बीएलएफ नेता एंडिल की सफाई
हालांकि, बीएलएफ नेता मिंगक्सितामा ने इन आरोपों को बेबुनियाद और राजनीति से प्रेरित बताया है। उन्होंने मीडिया के समक्ष कहा कि उनकी टिप्पणी को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है। एंडिल ने कहा कि बीएलएफ शांतिपूर्ण आंदोलन का पक्षधर है। हालांकि, उन्होंने उन लोगों को चेतावनी दी जिन्होंने काले लोगों के खिलाफ हिंसा को उकसाया था। मिंगक्सितामा ने कहा कि उनकी पार्टी इसके लिए किसी भी स्तर पर निपटने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि यहां अगले वर्ष चुनाव है, इसके मद्देनजर यह दुष्प्रचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सफेद लोग संसद में बीएलएफ को नहीं देखना चाहते हैं। उन्होंने अपनी टिप्पणी के बचाव में यह कहा कि अरबपति जोहान रूपर्ट के जवाब में ये बात कही। उन्होंने मौजूदा सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि मुआवजा के बिना बिना भूमि अधिग्रहण कानून बनाया जाता है तो देश में गृहयुद्ध शुरू हो सकता है।
प्रिटोरिया में एक प्रतिष्ठित स्कूल प्रबंधन पर रंगभेद का लगा था आरोप
हाल में दक्षिण अफ्रीका की राजधानी प्रिटोरिया में एक प्रतिष्ठित स्कूल प्रबंधन पर रंगभेद का आरोप लगा था। एक ब्लैक छात्रा ने शिकायत की थी कि उनके अफ्रीकी अंदाज के घुंघराले बालों की वजह से उन्हें बंदर कहा जा रहा था और उन्हें बाल सीधे कराने का आदेश दिया गया था। इस मामले ने दक्षिण अफ्रीका में काफी तूल पकड़ा था। विवाद होने के बाद इस आदेश को रद्द कर दिया गया था। रंगभेद की नीति खत्म होने से पहले यहां सिर्फ गोरे बच्चे पढ़ सकते थे। 1994 में रंगभेदी सरकार चली गई और नए शासन में पहली बार काले बच्चों को बराबरी के अधिकार के तहत यहां दाखिला दिया गया था। तब से ऐसा पहली बार हुआ है कि रंगभेद एक मुद्दे के रूप में सामने आया।