अमेजन की आग: अरबों जंगली जानवरों की जान ली, हवा को भी बना रही जहरीला
Amazon fire ह्यूमन राइट्स वॉच नामक संस्था ने एक रिसर्च में पाया कि पिछले साल ब्राजील में अमेजन के जंगल में आग के कारण हजारों लोगों को सांस से जुड़ी तकलीफों का भी सामना करना पड़ा।
नई दिल्ली, एएफपी। अमेजन के जंगलों में लगी आग को अभी आप लोग भूले नहीं होंगे। इस जंगल की आग ने जहां अरबों जानवरों को मौत के मुंह में धकेल दिया वहीं यहां से निकला जहरीला धुआं अब तक लोगों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। दुनिया के इस सबसे बड़े जंगल में लगी भीषण आग के कारण हवा जहरीली होती जा रही है। अमेजन के जंगलों में दूषित हवा के कारण सांस से जुड़ी तकलीफें बढ़ रही हैं।
कुछ दिन पहले हुए सर्वे की रिपोर्ट के मुताबिक ये क्षेत्र पहले से ही कोविड-19 से बुरी तरह प्रभावित है और अब दूषित हवा की समस्या पैदा हो रही है। पिछले साल अमेजन के जंगलों की आग ने पूरी दुनिया को सकते में डाल दिया था। इस आग की वजह से फैली प्रदूषित हवा के कारण लगभग 2,195 लोगों को सांस लेने की परेशानी की वजह से अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
ह्यूमन राइट्स वॉच और ब्राजील के अमेजन एनवॉयरमेंटल रिसर्च इंस्टीट्यूट (आईपीएएम) ने मिलकर इस बारे में एक रिसर्च किया। रिसर्च में 467 बच्चों और 1,080 व्यक्तियों को शामिल किया गया, 60 से 70 फीसदी मामलों में पीड़ितों को अस्पताल में दाखिल कराया गया।
रिसर्च के लेखकों का कहना है कि इस साल के अभी तक के डाटा आग के खतरनाक स्तरों और वन कटाई के चिंताजनक हालात को दर्शाते हैं। लेखकों ने एक बयान में कहा कि अनियंत्रित वनों की कटाई से होने वाली आग की घटनाओं से ब्राजील के लाखों लोगों की सांसें 'जहरीली' हो रही है, जिससे पूरे ब्राजील के अमेजन के इलाके में स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है।
अमेजन में आग लगने का मुख्य कारण जंगलों को काटकर खेती के लिए जमीन तैयार करना और पशुपालन के लिए ढांचा तैयार करना होता है, उसके बाद गैर कानूनी तौर पर पेड़ों को आग के हवाले कर दिया जाता है। इस रिसर्च के लिए डाटा का विश्लेषण किया गया।
रिसर्च के लेखकों ने चेतावनी दी है कि यह समस्या 2020 कोरोना वायरस के कारण और गंभीर हो जाएगी। कोरोना वायरस महामारी ने अमेजन के ब्राजील वाले हिस्से को बुरी तरह से प्रभावित किया है और आग की घटनाओं से मामला गंभीर हो सकता है।
अगस्त से लेकर अक्टूबर के बीच आग की घटनाएं बढ़ जाती हैं। इस वजह से अस्पतालों पर बोझ और अधिक बढ़ने की आशंका है। साथ ही लेखकों ने जंगलों में रहने वाले स्थानीय समुदाय के लोगों के प्रति चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि वायु प्रदूषण का असर उन पर भी सबसे अधिक होगा, इस आबादी के कोविड-19 की चपेट में आने की आशंका ज्यादा है।
रिसर्च के लेखकों ने ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो की अमेजन को लेकर नीति की भी आलोचना की है क्योंकि अमेजन का 60 फीसदी हिस्सा ब्राजील में है। ह्यूमन राइट्स वॉच ब्राजील की निदेशक मारिया लौरा कैनाइनु कहती हैं कि बोल्सोनारो प्रशासन की लगातार विफलता अमेजन के निवासियों के स्वास्थ्य को तत्काल प्रभावित कर रही है और वैश्विक जलवायु परिवर्तन के दीर्घकालिक नतीजों पर असर डालेगी।