सोमालिया में अल-शबाब का कहर, नौ डॉक्टरों का अपहरण कर मौत के घाट उतारा
मोगादिशु में अल शबाब समूह के आंतकवादियों ने नौ डॉक्टरों का अपहरण करने के बाद हत्या कर दी।
मोगादिशु, एजेंसी। सोमालिया की राजधानी मोगादिशु में अल शबाब समूह के आंतकवादियों ने नौ डॉक्टरों का अपहरण करने के बाद हत्या कर दी। अब शबाब समूह आतंकवादियों का संबंध खतरनाक आतंकी संगठन अल-कायदा से है। स्थानीय समाचार ने गुरुवार को बताया कि डॉक्टरों के शव मध्य शबेले प्रांत के बालद शहर के पास पाए गए। सोमालिया 1990 के दशक के प्रारंभ में कबीले-आधारित सशस्त्र समूहों के बीच गृह युद्ध के बाद से हिंसा में घिरा हुआ है।
गारोवे मीडिया आउटलेट के अनुसार मारे गए सभी डॉकटर युवा थे और जो यहां के स्थानीय अस्पतालों में कार्यरत थे। बता दें कि सोमालिया 1990 के दशक के प्रारंभ में कबीले-आधारित सशस्त्र समूहों के बीच गृह युद्ध के बाद से हिंसा से ग्रसित है।
आतंकी संगठन अमेरिकी सेना का बना निशाना
गौरतलब है कि पिछले वर्ष 30 दिसंबर को आतंकी संगठन अल शबाब सुर्खियों में था। इस दिन अमेरिकी सेना अल शबाब के के खिलाफ जबरदस्त हवाई हमले किए थे। अमेरिका ने सोमालिया की संघीय सरकार के साथ म समन्वय करके इस हमले को अंजाम दिया था। इस हमले में संगठन को काफी क्षति पहुंची थी और उसके चार आतंकवादी ढेर हो गए थे।
अमेरिकी सैन्य बेस को बनाया था निशाना
5 जनवरी, 2020 को आतंकी संगठन अल शबाब ने अमेरिका और ईरान के तनातनी के बीच केन्या में अमेरिकी सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला किया था। अलजजीरा की रिपोर्ट के अनुसार इस हमले में आत्मघाती हमलावर का प्रयोग किया गया और आतंकी संगठन ने कैंप पर कब्जा कर लियाथा। यह अमेरिकी सैन्य बेस केन्या के लामू काउंटी स्थ्ति मंदा बे में स्थित है। यह केन्या और अमेरिका का संयुक्त मिलिटरी बेस है। इसके पूर्व भी आतंकियों ने राजधानी केन्या की राजधानी मोगादिशु से 110 किलोमीटर दूर उत्तर-पश्चिम में स्थित बालेडोगले में अमेरिकी ठिकाने पर विस्फोटक के जरिए हमला किया और परिसर में बंदूकधारियों ने गोलीबारी की थी।
अफगानिस्तान में तालिबान से ट्रेनिंग लेता है अल शबाब
आतंकवादी संगठन अल शबाब, अल कायदा से भी ज्यादा खूंखार है। अल कायदा की घटती ताकत और समर्थन के चलते इस्लामी कट्टपंथियों के बीच अब अल शबाब अधिक लोकप्रिय है। वर्षों से सरकारी सेनाओं , संयुक्त राष्ट्र की सेनाओं से लड़ने के कारण अल शबाब को कड़ा सैन्य प्रशिक्षण मिला है। अत्याधुनिक हथियारों से लैस अनुभवी लड़ाके इस संगठन को बेहद बेरहम और खतरनाक बनाते हैं। आयरो अल शबाब का पहला मुखिया था। आयरो ने ही सोमालिया में हारने के बाद तालिबान से संपर्क साधा और अपने लड़ाकों को अफगानिस्तान में तालिबान से ट्रेनिंग दिलाने भेजा। इसके बाद अल-शबाब तालिबान की तरह ही सोमालिया में हमले करने लगा। सरकारी सूत्रों के अनुसार मई 2011 तक अल शबाब के पास करीब 15 हजार खूंखार और प्रशिक्षित आतंकी लड़ाके हैं। इस समय इस संगठन का मुखिया गोडाने है।