आखिरकार आतंकवादी मसूद अजहर के मारे जाने की पुष्टि क्यों नहीं होती! जानिए- पूरा मामला
रावलपिंडी के अस्पताल में विस्फोट के दौरान मारे जाने की अटकलें। कुछ लोगों को दावा-उसे दूसरे सैन्य अस्पताल में भेजा गया।
रोम (इटली), एएनआइ। विगत 23 जून (रविवार) को पाकिस्तान के रावलपिंडी शहर के अमीरात मिलेट्री अस्पताल एक धमाके से तहस-नहस हो गया। विस्फोट इतना भयानक था कि आसपास की इमारतें भी क्षतिग्रस्त हो गईं थीं। अस्पताल से आग की ऊंची लपटें उठती नजर आ रही थीं। कांच सारे टूट गए थे और काले धुएं से आसमान भर गया था।
इस धमाके के बाद पाकिस्तानी लोगों ने ही सोशल मीडिया पर पोस्ट करना शुरू किया कि आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद का सरगना मसूद अजहर अस्पताल में हुए धमाके में मारा गया है। हालांकि इस बात की अब तक पुष्टि नहीं हो सकी है और इसकी सच्चाई सामने आने का सबको इंतजार है।
पीटीएम के कार्यकर्ता अहसान उल्लाह मियाखैल ने एक ट्वीट में कहा, 'रावलपिंडी के सैन्य अस्पताल में भीषण विस्फोट हुआ है। दस लोगों को एमरजेंसी में ले जाया गया है। जैश सरगना मौलाना मसूद अजहर को यहां भर्ती किया गया है। सेना ने मीडिया को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया है। मीडिया को सख्ती से कहा गया है कि वह यह स्टोरी कवर नहीं करे।'
तब एक अन्य ट्वीट में बताया गया कि पाकिस्तान के रावलपिंडी स्थित सैन्य अस्पताल में भीषण विस्फोट हुआ है। यह वही अस्पताल है जहां संयुक्त राष्ट्र की ओर से अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित मौलाना मसूद अजहर का किडनी फेल होने पर इलाज चल रहा है। पाकिस्तानी सेना अब मसूद अजहर की हत्या करना चाहती है क्योंकि वह अब उनके लिए बोझ बन गया है।
हालांकि रावलपिंडी में हुए धमाके को आधिकारिक रूप से किसी भी पाकिस्तानी मीडिया ने कवर नहीं किया है। पाकिस्तानी मीडिया ने सेना के हवाले से केवल इतना बताया कि सिलेंडर ब्लॉस्ट के कारण विस्फोट ने भयानक रूप ले लिया। इस हादसे में दस लोग घायल हुए लेकिन किसी की भी मौत नहीं हुई है।
इसीतरह आमतौर पर विश्वसनीय माने जाने वाले फरन जैफरी ने अपने ट्विटर हैंडिल पर बताया कि अस्पताल में विस्फोट का कारण तकनीकी गड़बड़ी था। मसूद अजहर को एक अन्य सैन्य अस्पताल में पहुंचा दिया गया है। इसके बाद इसी विषय पर बलोचवर्ना ने एक लेख प्रकाशित किया। इसी तरह एमक्यूएम पार्टी के एक प्रभावशाली नेता डॉ.नदीम अहसान ने सबसे पहले ट्वीट करके यह दावा किया था कि मसूद अजहर रावलपिंडी विस्फोट में मारा जा चुका है। उसकी नमाज-ए-जनाजा कराची में महमूदाबाद मस्जिद में पढ़ी गई है।
उन्होंने उनके इस दावे को ठुकराने पर मस्जिद को भी चुनौती दी थी। एमक्यूएम पार्टी के निर्वासित नेता अल्ताफ हुसैन के भी ऐसा ही दावा करने के एक दिन बाद ही बलोचवरना ने भी यह कहानी बताई। हालांकि आधिकारिक रूप से इस बारे में कोई भी सच्चाई सामने आना अभी बाकी है।
उल्लेखनीय है कि विगत एक मई, 2019 को पाकिस्तान और चीन से एक लंबी कूटनीतिक लड़ाई के बाद भारत को मसूद अजहर को बतौर आतंकी संयुक्त राष्ट्र की सूची में दर्ज कराने में जीत हासिल हुई थी। पाकिस्तान के बहावलपुर का रहने वाला मसूद अजहर संसद पर हमले, मुंबई बम धमाकों से लेकर उड़ी और पुलवामा जैसे कई आतंकी हमले कराने का मुख्य साजिशकर्ता है।