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अफगानिस्तान में फंसी 250 महिला न्यायाधीशों की जिंदगी को खतरा, तालिबान और अपराधी कर रहे हैं उनकी तलाश

अफगानिस्तान में करीब 250 महिला न्यायाधीशों का जीवन खतरे में है। ऐसा इसलिए क्योंकि उन्होंने एक समय जिन अपराधियों को सजा सुनाकर जेल भेजा था वे अब आजाद हो गए हैं। तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद जेलों में बंद सभी कैदियों को मुक्त कर दिया है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Fri, 03 Sep 2021 07:13 PM (IST)Updated: Sat, 04 Sep 2021 01:06 AM (IST)
अफगानिस्तान में फंसी 250 महिला न्यायाधीशों की जिंदगी को खतरा, तालिबान और अपराधी कर रहे हैं उनकी तलाश
अफगान महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने काबुल में राष्ट्रपति भवन के सामने अपने अधिका‍रों की मांग को लेकर प्रदर्शन किया।

हेग, रायटर। अफगानिस्तान में करीब 250 महिला न्यायाधीशों का जीवन खतरे में है। ऐसा इसलिए क्योंकि उन्होंने एक समय जिन अपराधियों को सजा सुनाकर जेल भेजा था, वे अब आजाद हो गए हैं। तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद जेलों में बंद सभी कैदियों को मुक्त कर दिया है। जेल से छूटे अपराधी अब खुद को गिरफ्तार करने और सजा सुनाने वाले पूर्व सरकार के अधिकारियों-कर्मचारियों को बदला लेने के लिए ढूंढ़ रहे हैं।

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बीते हफ्तों में इनमें से कुछ महिला न्यायाधीश अफगानिस्तान से निकलने में कामयाब हो गई हैं लेकिन अभी भी ज्यादातर वहीं पर फंसी हुई हैं और जान बचाने के लिए इधर-उधर भटक रही हैं। सत्ता में आए तालिबान ने ज्यादातर कार्यो में महिलाओं की भागीदारी पर प्रतिबंध लगा दिया है। तालिबान ने कहा है कि कि महिलाओं के अधिकारों की रक्षा की जाएगी लेकिन उन्होंने अभी यह स्पष्ट नहीं किया है कि महिलाओं को कौन से कार्य करने दिए जाएंगे।

अफगानिस्तान जैसे रुढि़वादी देश में न्यायपालिका में महिलाओं का कार्य करना पहले भी चुनौतीपूर्ण था। बीती जनवरी में ही सुप्रीम कोर्ट की दो महिला न्यायाधीशों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। अब जबकि तालिबान ने पूरे देश में कैदियों को छोड़ दिया है, उन हालात में तालिबान के साथ ही उन कैदियों के निशाने पर ये महिला न्यायाधीश भी हैं। यूरोप पहुंचीं एक वरिष्ठ महिला न्यायाधीश ने अफगानिस्तान में मौजूद अपनी सहकर्मियों की दशा बयां की है।

बताया कि उनके चले आने के बाद चार-पांच तालिबान लड़ाके काबुल स्थित उनके आवास पर पहुंचे थे और पूछताछ की। ये वही लोग थे जिन्हें उन्होंने अपने कार्यकाल में जेल भेजा था। अब इंटरनेशनल एसोसिएशन आफ वूमेन जजेज अफगानिस्तान में मौजूद पूर्व महिला न्यायाधीशों की सुरक्षा के लिए प्रयास कर रहा है। कोशिश कर रहा है कि अफगानिस्तान छोड़ने की इच्छुक न्यायाधीश वहां से सुरक्षित निकल सकें। 


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