इस्लाम विरोधी करार देकर बौद्ध प्रतिमाओं पर चलाए थे हथौड़े, 18 साल बाद सहेजने में जुटा अफगानिस्तान
अफगानिस्तान के नेशनल म्यूजियम में भगवान बुद्ध की प्रतिमाओं को आतंकियों ने इस्लाम विरोधी करार देते हुए तोड़ दिया था।
काबुल, एपी। अफगानिस्तान के नेशनल म्यूजियम में भगवान बुद्ध की प्रतिमाओं समेत उन तमाम प्राचीन धरोहरों को फिर से सहेजा जा रहा है, जिन्हें तालिबान ने 18 साल पहले नष्ट कर दिया था। आतंकियों ने बुद्ध प्रतिमाओं और कलाकृतियों को इस्लाम विरोधी करार देते हुए हथौड़े मारकर टुकड़े-टुकड़े कर दिया था। अमेरिका और तालिबान में समझौते की बढ़ती उम्मीदों के बीच म्यूजियम के कर्मचारी इन धरोहरों को जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं।
राजधानी काबुल स्थित नेशनल म्यूजियम के कर्मचारी सैकड़ों टुकड़ों में बंटी प्रतिमाओं को बड़ी सफाई से जोड़ रहे हैं। इस काम में जुटे शिराजुद्दीन सैफी ने उन दिन को याद किया, जब 2001 में तालिबान आतंकी नेशनल म्यूजियम में घुसे थे। यह वह दौर था जब उन्होंने बामयान प्रांत में दुनिया की सबसे ऊंची बुद्ध प्रतिमा को बारूद लगाकर ध्वस्त कर दिया था। आतंकियों ने म्यूजियम में रखी अफगानिस्तान की सदियों पुरानी कलाकृतियों को भी नहीं बख्शा था। उन्होंने ग्रीक, फारसी और चीनी संस्कृतियों की निशानियों पर भी हथौड़े चलाए थे। उन्होंने कई कलाकृतियों को जमीन में पटककर तोड़ा तो कुछ पर हथौड़े बरसाए थे। सैफी ने कहा, 'हम उन्हें रोक नहीं सके थे। वे सभी ताले तोड़कर हर कमरे में घुस गए थे और सभी चीजों के टुकड़े-टुकड़े कर दिए थे। यह दिल दहलाने वाला और भयावह था। उन्होंने अपना ही इतिहास तबाह किया था।'
ढाई हजार प्रतिमाओं पर चले थे हथौड़े
बौद्ध प्रतिमाओं को सहेजने में जुटी टीम में शामिल सैफी ने बताया कि ढाई हजार से ज्यादा प्रतिमाओं पर हथौड़े चले थे। इन प्रतिमाओं का कुछ हिस्सा तो पाउडर में तब्दील हो गया था। इन प्रतिमाओं को पहले का आकार देने में एक दशक तक का समय लग सकता है।
रबर बैंड से बांधे जा रहे टुकड़े
म्यूजियम में प्रतिमाओं के सिर, हाथ और बाकी हिस्सों के टुकड़ों को रबर बैंड से एकजुट किया जा रहा है। एक-एक टुकड़ों को जोड़ने में कई-कई दिन लग रहे हैं। इसके लिए बड़े धैर्य के साथ काम किया जा रहा है।
कई प्राचीन कलाकृतियां गायब
तालिबान के हमले में तबाह हुए म्यूजियम को पहले वाला स्वरुप देने का काम साल 2004 में शुरू हुआ था। कई कलाकृतियों को फिर से सहेज दिया गया है। अब नेशनल म्यूजियम और शिकागो यूनिवर्सिटी का ओरिएंटल इंस्टीट्यूट मिलकर इस उम्मीद के साथ कलाकृतियों की सूची तैयार कर रहा है ताकि गायब हुई कलाकृतियों को खोजा जा सके। इनका डिजिटल रिकार्ड भी तैयार किया जा रहा है।