तालिबान ने शिक्षण संस्थानों की सुरक्षा को गठित की पुलिस इकाई, 170 सदस्य होंगे शामिल
तालिबान ने शनिवार को शिक्षण संस्थानों की सुरक्षा के लिए 170 सदस्यीय विशेष पुलिस इकाई के गठन का एलान किया। अफगानिस्तान के उच्च शिक्षा मंत्रालय की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है कि इस इकाई के जवान मंत्रालय के विशेष बल का हिस्सा हैं।
काबुल, एएनआइ। तालिबान ने शनिवार को शिक्षण संस्थानों की सुरक्षा के लिए 170 सदस्यीय विशेष पुलिस इकाई के गठन का एलान किया। खामा प्रेस के अनुसार, अफगानिस्तान के उच्च शिक्षा मंत्रालय की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है कि इस इकाई के जवान मंत्रालय के विशेष बल का हिस्सा हैं। मंत्रालय के उप मंत्री लुतफुल्ला खैरख्वा ने कहा कि शिक्षण संस्थानों की सुरक्षा के लिए विशेष इकाई का गठन जरूरी था। उधर, इस्लामिक स्टेट-खुरासान (आइएस-के) ने काबुल स्थित पासपोर्ट आफिस पर 23 दिसंबर को हुए हमले की जिम्मेदारी ली है। एक आत्मघाती हमलावर ने आफिस में घुसने का प्रयास किया था, जिसे सुरक्षा बलों ने मार गिराया था।
अब्दुल लतीफ को बनाया गया कार्यवाहक उप वित्त मंत्री
तालिबान ने अब्दुल लतीफ नाजरी को कार्यवाहक सरकार का उप वित्त मंत्री नियुक्त किया है। खामा प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, लतीफ काबुल यूनिवर्सिटी में लेक्चरर रहे हैं। तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्ला मुजाहिद ने बताया कि लतीफ को वित्त मंत्रालय में पेशेवर उप मंत्री नियुक्त किया गया है। वह अफगानिस्तान की कार्यवाहक सरकार में शामिल होने वाले अल्पसंख्यक हजारा समुदाय के दूसरे शख्स हैं। उधर, कार्यवाहक वित्त मंत्री आमिर खान मुत्ताकी ने कजाखस्तान के व्यापार मंत्री बख्त सुल्तानोव से काबुल में मुलाकात की और व्यापार, ट्रांजिट व अर्थव्यवस्था जैसे मुद्दों पर चर्चा की। अफगानिस्तान व कजाखस्तान के बीच व्यापार में 27 फीसद की गिरावट आई है।
भंग मंत्रालयों को परिषद में तब्दील करेगा तालिबान
तालिबान ने जर्जर आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए शांति व संसदीय मामलों के मंत्रालयों, दो चुनाव आयोगों व कई निकायों को भंग कर दिया है। कार्यवाहक सरकार के प्रवक्ता जबीउल्ला मुजाहिद ने कहा कि तालिबान एक वृहद परिषद व आम परिषदों के गठन पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि ये मंत्रालय, आयोग व निकाय सरकार पर बोझ बन गए थे।
अफगानिस्तान में फंसे हैं ब्रिटिश सैनिकों की मदद करने वाले स्थानीय लोग
ब्रिटेन के एक समाचार पत्र ने शनिवार को अपनी रिपोर्ट में कहा है कि तालिबान के साथ लड़ाई में ब्रिटिश सेना की मदद करने वाले हजारों अफगानी नागरिक अब भी अफगानिस्तान में ही फंसे हुए हैं। स्पुतनिक के अनुसार, ब्रिटेन के विदेश मंत्री जेम्स क्लेवरली का कहना है कि सैनिकों की मदद करने वाले 167 स्थानीय लोग अफगानिस्तान में फंसे हैं। हालांकि, पूर्व विदेश मंत्री जानी मर्सर का दावा है कि इनकी संख्या हजारों में है।