अफगानिस्तान ने पाकिस्तान से राजदूत को वापस बुलाया, दोनों देशों के बीच बढ़ा तनाव
अफगान राजदूत को अगवा कर उसे यातनाएं देने की शर्मनाक घटना के बाद अफगानिस्तान सरकार ने पाकिस्तान से अपने राजदूत और राजनयिकों को वापस बुला लिया है। अफगान विदेश मंत्रालय ने रविवार को यह जानकारी दी। पढ़ें पूरी खबर।
काबुल, रायटर। अफगान राजदूत को अगवा कर उसे यातनाएं देने की शर्मनाक घटना के बाद अफगानिस्तान सरकार ने पाकिस्तान से अपने राजदूत और राजनयिकों को वापस बुला लिया है। अफगान विदेश मंत्रालय ने रविवार को यह जानकारी दी। राजदूत नजीबुल्लाह अलीखिल की बेटी सिलसिला अलीखिल को इस्लामाबाद में कुछ अज्ञात लोगों ने अगवा कर यातनाएं दी थीं। घायल सिलसिला का अभी इलाज चल रहा है।
विदेश मंत्रालय ने कहा, 'दोषियों की गिरफ्तारी व सजा होने और सुरक्षा संबंधी खतरे पूरी तरह खत्म होने तक अफगान सरकार ने राजदूत और सभी वरिष्ठ राजनयिकों को इस्लामाबाद से वापस बुलाने का फैसला लिया है।' पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने अब तक इस मामले में कोई टिप्पणी नहीं की है। तालिबान आतंकियों की मदद के आरोपों से घिरी पाकिस्तान सरकार की परेशानी इस घटना से बहुत बढ़ गई है। मामले में अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
समाचार एजेंसी प्रेट्र के मुताबिक, पाकिस्तान ने रविवार को बताया कि अफगान राजदूत की बेटी ने अपहरण से पहले जिन टैक्सियों पर सवारी की थी, उनके चालकों से पूछताछ की गई है और मामले में प्राथमिकी भी दर्ज की गई है। सिलसिला अलीखिल का उस वक्त अपहरण किया गया, जब वह टैक्सी से कहीं जा रही थीं। अलीखिल राजधानी के एफ-9 पार्क इलाके में पाई गई थीं और उनके शरीर पर प्रताड़ना के निशान थे। गृह मंत्री शेख राशिद ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, 'पुलिस अफगान राजदूत की बेटी के मामले की जांच कर रही है। अपहरणकर्ताओं को जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।'
उन्होंने बताया कि पहला टैक्सी चालक उन्हें खाद्दा बाजार लेकर गया, दूसरा चालक रावलपिंडी और तीसरा चालक दमन-आई-कोह से लेकर आया। इस बीच, अलीखिल ने पुलिस को बताया कि वह उपहार खरीदने गई थीं। लौटते वक्त पांच मिनट के सफर के बाद टैक्सी चालक वाहन सड़क किनारे ले गया।
वहीं एक अन्य व्यक्ति आ गया और उस पर चिल्लाने लगा। फिर उसने मारपीट शुरू कर दी। अलीखिल ने कहा, 'मैं डर के मारे बेहोश हो गई। होश आने पर मैंने खुद को गंदे स्थान पर पाया। इसके बाद मैंने पास के एक पार्क में जाने के लिए टैक्सी की और वहां से अपने पिता के सहयोगी को फोन किया, जो मुझे घर लेकर गए।'