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अफगानिस्तान ने तालिबान के दावे को किया खारिज, कहा- देश के विकास व पुनर्निर्माण में भारत बड़ा मददगार

भारत के नकारात्मक भूमिका निभाने के तालिबान के आरोपों को किया खारिज- दोनों देशों के संबंधों को अंतरराष्ट्रीय ढांचे में और परस्पर सम्मान पर आधारित बताया

By Nitin AroraEdited By: Published: Mon, 18 May 2020 03:07 PM (IST)Updated: Mon, 18 May 2020 03:19 PM (IST)
अफगानिस्तान ने तालिबान के दावे को किया खारिज, कहा- देश के विकास व पुनर्निर्माण में भारत बड़ा मददगार
अफगानिस्तान ने तालिबान के दावे को किया खारिज, कहा- देश के विकास व पुनर्निर्माण में भारत बड़ा मददगार

काबुल, पीटीआइ। अफगानिस्तान की सरकार ने कहा है कि देश के विकास व पुनर्निर्माण के क्षेत्र में भारत सबसे बड़े मददगार देशों में से एक है। भारत हमेशा से शांति प्रक्रिया का समर्थन किया है। अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ग्रान हेवाद ने तालिबान के इस आरोप को भी खारिज किया है, जिसमें कहा गया है कि भारत पिछले 40 वर्षो से वहां नकारात्मक भूमिका निभा रहा है। हेवाद ने यह भी कहा कि भारत के साथ अफगानिस्तान के संबंध अंतरराष्ट्रीय ढांचे के अंतर्गत और परस्पर सम्मान पर आधारित है। अफगानिस्तान में शांति बहाली की प्रक्रिया और पुनर्निर्माण में भारत के एक प्रमुख हितधारक है। वह अफगानिस्तानियों के नेतृत्व, उनके अधीन और उनके नियंत्रण वाले शांति और सुलह प्रक्रिया का समर्थन करता रहा है।

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हेवाद ने रेडियो आजादी से कहा कि भारत अब तक विकास और पुनर्निर्माण के क्षेत्र में सहयोग कर रहा था और उससे शाति प्रक्रिया में भी सहयोग की उम्मीद है। हेवाद ने कहा, 'भारत सबसे बड़े दाता देशों में से एक है और अफगानिस्तान के विकास और पुनर्निर्माण के क्षेत्र में मदद करता है, हम उसके सहयोग की सराहना करते हैं। हम उम्मीद करते हैं कि भारत और अन्य पड़ोसी देश अफगान शांति प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।'

गौरतलब है कि कतर स्थित तालिबान के राजनीतिक दफ्तर के उप प्रमुख मुल्ला अबास सतनेकजई ने हाल ही में आरोप लगाया था कि पिछले दो दशक से भारत ने अफगानिस्तान में भ्रष्ट और विदेशियों द्वारा सत्ता में रखे गए लोगों के साथ ही संबंध रखा है और उन्हीं का सहयोग किया है, अफगानिस्तान के लोगों द्वारा चुनी गई सरकार के साथ नहीं। अबास ने कहा था कि भारत को अफगान शांति प्रक्रिया में सहयोग करना चाहिए। बता दें कि अफगान शांति व सुलह प्रक्रिया के लिए अमेरिकी प्रतिनिधि जलमई खलीलजाद इस महीने के शुरू में जब भारत की यात्रा पर आए थें तो उन्होंने भारतीय अधिकारियों के साथ अफगान शांति प्रक्रिया पर बातचीत की थी और उसमें उनकी मदद मांगी थी।


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