अफगान सरकार और तालिबान के बीच वार्ता फिर शुरू, हमले में सात जवानों की हत्या
कैदियों की अदला-बदली को लेकर आतंकी संगठन तालिबान और अफगानिस्तान सरकार के बीच गुरुवार से फिर बातचीत शुरू हो गई है।
काबुल, आइएएनएस। कैदियों की अदला-बदली को लेकर आतंकी संगठन तालिबान और अफगानिस्तान सरकार के बीच गुरुवार से फिर बातचीत शुरू हो गई है। राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (एनएससी) की ओर से इसकी पुष्टि की गई है। इससे पहले आतंकी संगठन के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने कहा कि तालिबान का पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल रिहाई की तकनीकी पहलू पर चर्चा के लिए काबुल पहुंच गया है। उधर, फराह प्रांत में बुधवार रात को तालिबान आतंकियों के हमले में सात पुलिसकर्मियों की मौत हो गई।
जेल में बंद पांच हजार आतंकियों में से दो हजार को छोड़ चुकी है सरकार
दोनों पक्षों के बीच कैदियों की अदला-बदली गत 29 फरवरी को अमेरिका और तालिबान के बीच हुए शांति समझौते के तहत की जा रही है। इस मुद्दे पर तालिबान और अफगान सरकार के बीच करीब दो महीने पहले भी बातचीत हुई थी, लेकिन वह बेनतीजा रही। जेल में बंद पांच हजार आतंकियों में से दो हजार को सरकार छोड़ चुकी है। दूसरी तरफ तालिबान ने भी कुछ सुरक्षाकर्मियों को अपनी कैद से रिहा किया है। जानकारों के अनुसार, आतंकी संगठन के कब्जे में करीब एक हजार सुरक्षाकर्मी हैं।
तालिबान हमले में सात जवानों की मौत
अफगानिस्तान के फराह प्रांत में बुधवार रात को तालिबान आतंकियों के हमले में सात पुलिसकर्मियों की मौत हो गई। घटना प्रांतीय राजधानी से सटे रिगी गांव की है, जहां रात के अंधेरे में आतंकियों ने एक चौकी पर तैनात सुरक्षाकर्मियों पर अचानक हमला बोल दिया। प्रांतीय पुलिस के प्रवक्ता मुहिबुल्लाह मुहिब ने कहा कि जवाबी कार्रवाई में आतंकियों को भी काफी नुकसान पहुंचा है। मुठभेड़ में घायल कई पुलिसकर्मियों के आतंकियों के कब्जे में होने की आशंका जताई गई है।
तालिबाने ने की थी तीन दिनों के लिए संघर्ष विराम की घोषणा
तालिबान ने इस वारदात को संघर्ष विराम की अवधि खत्म होते ही अंजाम दिया है। ईद के मौके पर आतंकी संगठन ने तीन दिनों के लिए संघर्ष विराम की घोषणा की थी। इसकी अवधि मंगलवार रात को पूरी हो गई। आतंकवाद से त्रस्त मुल्क में संघर्ष विराम को आगे बढ़ाने के लिए अफगान सरकार के अलावा अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने भी अपील की थी। लेकिन तालिबान ने इसे मानने से इन्कार कर दिया।