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महिला डाक्टर के घर पर टूटा तालिबानी कहर, घर तबाह कर परिवार के लोगों को पीटा

Afghanistan Crisis अफगानिस्तान के कंधार प्रांत में एक महिला डाक्टर ने दावा किया है कि उसके घर पर तालिबान के लड़ाकों ने हमला किया और उसे उसके परिवार के सदस्यों और एक पड़ोसी को बूरी तरह से पीटा।

By Manish PandeyEdited By: Published: Mon, 13 Sep 2021 02:59 PM (IST)Updated: Mon, 13 Sep 2021 02:59 PM (IST)
महिला डाक्टर के घर पर टूटा तालिबानी कहर, घर तबाह कर परिवार के लोगों को पीटा
तालिबान के लड़ाकों ने महिला डाक्टर के घर पर हमला कर दिया।

नई दिल्ली, आइएएनएस। अफगानिस्तान में तालिबान लगातार महिलाओं को अपना निशाना बना रहा है। देश पर कब्जे के बाद से ही महिलाओं के मानवाधिकार का खुलेआल उल्लंघन हो रहा है। अफगानिस्तान के कंधार प्रांत में एक महिला डाक्टर ने दावा किया है कि उसके घर पर तालिबान लड़ाकों ने हमला किया और उसे उसके परिवार के सदस्यों और एक पड़ोसी को बूरी तरह से पीटा गया।

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खामा न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, फाहिमा रहमती, जो एक नागरिक कार्यकर्ता भी हैं, उन्होंने एक वीडियो क्लिप में कहा कि रविवार रात तालिबान लड़ाकों ने उनके घर पर छापेमारी की थी और उनके मोबाइल फोन भी ले लिए हैं। रहमती ने कहा कि वह न तो पूर्व सरकारी अधिकारी थीं और न ही उनके घर में कोई हथियार था, लेकिन तालिबान लड़ाके उनके भाइयों को अपने साथ ले जाना चाहते थे।

कंधार में प्रांतीय अधिकारियों ने कहा कि उन्हें छापेमारी की जानकारी नहीं है और मामले की जांच कर अपराधियों को सजा दिलाएंगे। रहमती एक स्थानीय डाक्टर हैं और कंधार प्रांत में एक चैरिटी फाउंडेशन चला रही हैं और गरीब परिवारों की मदद कर रही हैं। रहमती ने वीडियो क्लिप में कहा कि मेरे दो भाई अभी भी लापता हैं, मुझे उम्मीद है कि अफगानिस्तान के इस्लामी अमीरात मेरी आवाज सुनेंगे। तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान में इस तरह की यह पहली घटना है।

तलिबान महिलाओं के खिलाफ रज नए-नए कानून लागू कर रहा है। अफगानिस्तान में तालिबान सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा है कि महिलाएं विश्वविद्यालयों में पढ़ाई कर सकती हैं, लेकिन कक्षाएं लैंगिक आधार पर विभाजित होनी चाहिए और इस्लामी पोशाक पहनना अनिवार्य होगा। दुनिया की इस तथ्य पर करीबी नजर है कि 1990 के दशक के अंत में पहली बार सत्ता में आने वाला तालिबान अब किस हद तक अलग तरीके से काम कर सकता है। उस वक्त, लड़कियों और महिलाओं को शिक्षा से वंचित कर दिया गया था और सार्वजनिक जीवन से बाहर रखा गया था।


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