पांच भारतीय शांति रक्षकों को मिलेगा मरणोपरांत संयुक्त राष्ट्र का पदक
पांच भारतीय शांति रक्षकों समेत 83 सैन्य पुलिस और असैन्य कर्मियों को मरणोपरांत प्रतिष्ठित संयुक्त राष्ट्र पदक से इस हफ्ते सम्मानित किया जाएगा
संयुक्त राष्ट्र, प्रेट्र। पांच भारतीय शांति रक्षकों समेत 83 सैन्य, पुलिस और असैन्य कर्मियों को मरणोपरांत प्रतिष्ठित संयुक्त राष्ट्र पदक से इस हफ्ते सम्मानित किया जाएगा। इन सभी ने संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षा अभियानों में भाग लेते हुए पिछले साल अपने प्राण न्यौछावर कर दिए थे। बता दें कि पदक का नाम संयुक्त राष्ट्र के दूसरे महासचिव के नाम पर रखा गया है। इनकी 1961 में एक रहस्यमयी विमान दुर्घटना में मौत हो गई थी। बाद में इन्हें मरणोपरांत नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
दक्षिण सूडान में संयुक्त राष्ट्र के मिशन में सेवा देने वाले मेजर रवि इंदर सिंह संधू और सार्जेट लाल मनोत्रा तरसेम, लेबनान में संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बल में सार्जेट रमेश सिंह, यूएन डिसएंगेजमेंट ऑब्जर्वर फोर्स में काम करने वाले पी. जॉनसन बेक और कांगो में संयुक्त राष्ट्र के मिशन में काम करने वाले एडवर्ड ए पिंटो को 29 मई को अंतरराष्ट्रीय संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षक दिवस पर मरणोपरांत दैग हैमरस्कोल्द पदक दिया जाएगा। संयुक्त राष्ट्र महासचिव 1948 के बाद जान गंवाने वाले सभी संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षकों को पुष्पांजलि अर्पित करेंगे।
इसके बाद वह एक समारोह की अध्यक्षता करेंगे, जिसमें 2019 में ड्यूटी करते हुए जान गंवाने वाले 83 सैन्य, पुलिस और असैन्य शांति रक्षकों को मरणोपरांत प्रतिष्ठित पदक से सम्मानित किया जाएगा। विश्व संगठन ने कहा कि इस साल शांति रक्षकों की चुनौतियां और खतरे पहले के मुकाबले कहीं अधिक हैं, क्योंकि ना केवल वे कोरोना महामारी का सामना कर रहे हैं बल्कि अपनी तैनाती वाले देशों में लोगों की रक्षा भी कर रहे हैं। कोरोना के खतरे के बावजूद वे पूरी क्षमता के साथ अपना अभियान चलाए हुए हैं और सरकारों तथा स्थानीय आबादी का सहयोग कर रहे हैं।