26/11 Mumbai Attack: यूरोपीय सांसदों ने PM मोदी को लिखा, पाकिस्तान को दिया कड़ा संदेश
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में 2008 आतंकी हमले में 18 सुरक्षाकर्मियों समेत 166 लोगों की मौत हुई थी और तीन सौ से अधिक लोग घायल हुए थे। 60 घंटों तक चले अभियान में नौ आतंकी मारे गए थे और अजमल अमीर कसाब नामक आतंकी पक़़डा गया था।
ब्रसेल्स, एएनआइ। यूरोपीय संसद के दो सदस्यों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में समर्थन दिया है। 24 नवंबर को पीएम मोदी को लिखे पत्र में यूरोपीय संसद के फ्रांसीसी सदस्य थियरी मारियानी और इतालवी सदस्य जियाना गैंसिया ने मुंबई आतंकवादी हमलों की 12वीं वर्षगांठ पर अपनी संवेदनाएं व्यक्त की। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने आतंकवादी संगठनों के साथ अपने संबंधों को नकारने की कोशिश की है, लेकिन यह वैश्विक खतरा बना हुआ है।
यूरोपीय सदस्यों ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के दृष्टिकोण का सम्मान करते हुए आश्वासन दिया कि यूरोपीय सांसद आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में हमेशा आपके साथ खड़ी है। सदस्यों ने कहा कि उन्होंने यूरोपीय संघ से पाकिस्तान, आतंकवादियों, आतंकवादी गतिविधियों को समर्थन देने और बढ़ावा देने वालों पर प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया है।
26 नवंबर, 2008 को पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैय्यबा द्वारा प्रशिक्षित दस आतंकवादियों ने ताज होटल, ओबेरॉय होटल, लियोपोल्ड कैफे, नरीमन हाउस, और छत्रपति शिवाजी टर्मिनस सहित मुंबई में कई ठिकानों पर हमलों को अंजाम दिया था। इसमें 166 लोगों की मौत हुई थी और 300 से अधिक लोग घायल हुए थे। इस भीषण हमलों में नौ आतंकवादी मारे गए थे, जबकि एक जीवित पकड़ा गया था। आतंकी अजमल आमिर कसाब को 11 नवंबर 2012 को पुणे में यरवदा जेल में फांसी दी गई थी।
पाकिस्तानी इन आतंकी हमलों में अपना हाथ होने से इन्कार करता रहा है। भारत की तरफ से साझा किए गए कई डोजियर पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है। सात संदिग्धों के खिलाफ एक पाकिस्तानी आतंकवाद-निरोधी अदालत में बीते एक दशक से मुकदमा चल रहा है। पाकिस्तानी अधिकारी उनके खिलाफ सबूतों की वैधता पर सवाल उठाते रहे हैं।