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एर्दोगन का सऊदी अरब से सवाल, कहां है खशोगी का शव?

एर्दोगन ने कहा कि रियाद को उस स्थानीय सहयोगी की जानकारी देने की जरूरत है जिसने खशोगी के शव को ठिकाना लगाया था।

By Prateek KumarEdited By: Published: Fri, 26 Oct 2018 10:32 PM (IST)Updated: Sat, 27 Oct 2018 08:20 AM (IST)
एर्दोगन का सऊदी अरब से सवाल, कहां है खशोगी का शव?
एर्दोगन का सऊदी अरब से सवाल, कहां है खशोगी का शव?

इस्तांबुल, रायटर/प्रेट्र। तुर्की के राष्ट्रपति तैयब एर्दोगन ने सऊदी अरब से सवाल किया है। शुक्रवार को राष्ट्रपति ने रियाद से यह बताने को कहा कि आखिर किसने पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या करने का आदेश दिया था। इसके साथ ही वह यह भी बताए कि पत्रकार का शव कहां है? राष्ट्रपति ने कहा है कि तुर्की के पास मामले में अभी तक उसने जितनी साझा की हैं उससे ज्यादा सूचनाएं हैं। खशोगी के बेटे ने सऊदी अरब छोड़ दिया है। इस्तांबुल के अभियोजन कार्यालय ने सऊदी अरब से खशोगी हत्या मामले में 18 संदिग्धों को प्रत्यर्पित करने का आग्रह पत्र तैयार किया है। यह जानकारी तुर्की के न्याय मंत्रालय ने एक बयान में दी है।

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एर्दोगन ने कहा कि रियाद को उस स्थानीय सहयोगी की जानकारी देने की जरूरत है जिसने खशोगी के शव को ठिकाना लगाया था। सऊदी के अधिकारियों ने पूर्व में कहा था कि इसी सहयोगी ने दो अक्टूबर को इस्तांबुल में वाणिज्य दूतावास के भीतर हत्या होने के बाद सऊदी एजेंटों से खशोगी का शव ले लिया था।

सऊदी अरब ने गुरुवार को कहा कि वाशिंगटन पोस्ट के स्तंभ लेखक और क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के मुखर आलोचक खशोगी की हत्या पूर्वनियोजित थी। पत्रकार की हत्या के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोहराम मचा और उसके बाद से दुनिया का सबसे बड़ा तेल निर्यातक देश सऊदी अरब संकट में फंसा हुआ है।

एर्दोगन ने क्या कहा
अंकारा में अपनी एके पार्टी के सदस्यों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति एर्दोगन ने कहा, 'यह आदेश किसने दिया? किसने 15 लोगों को तुर्की आने का आदेश दिया था?' उन्होंने सऊदी सुरक्षा एजेंसी की 15 सदस्यीय टीम के तुर्की दौरे की ओर इशारा किया। तुर्की ने कहा है कि यह टीम हत्या के कुछ घंटे पहले इस्तांबुल पहुंची थी। राष्ट्रपति ने यह भी बताया कि सऊदी के सरकारी अभियोजक रविवार को इस्तांबुल के अभियोजक से मुलाकात करेंगे।

सऊदी वाणिज्य दूत के आवास में खशोगी का डीएनए नहीं मिला
तुर्की पुलिस को इस्तांबुल में सऊदी अरब के वाणिज्य दूत के आवास से लिए गए पानी के नमूने में खशोगी के डीएनए नहीं मिले हैं। पत्रकार के शव की खोज में जुटी पुलिस ने आवास की तलाशी ली। जांच करने वाली टीम हत्या के 13 दिनों बाद 15 अक्टूबर को वाणिज्य दूतावास में दाखिल हो पाई।

खशोगी के बेटे के फैसले की अमेरिका ने की सराहना
सऊदी अरब सरकार द्वारा यात्रा प्रतिबंध हटा लिए जाने और अमेरिका जाने की अनुमति मिलने के बाद खशोगी के बेटे और उसके परिवार ने सऊदी अरब छोड़ दिया। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रॉबर्ट पलाडिनो ने कहा कि अमेरिका इस फैसले का स्वागत करता है। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने हाल ही में सऊदी अरब की यात्रा के दौरान खशोगी के बेटे सालाह खशोगी से चर्चा की थी। उन्होंने तब स्पष्ट किया था कि वाशिंगटन चाहता है कि सालाह अमेरिका लौट आए।

मंगेतर ने कहा, वाणिज्य दूतावास नहीं जाना चाहते थे खशोगी
पत्रकार खशोगी की मंगेतर ने कहा कि वह सऊदी वाणिज्य दूतावास नहीं जाना चाहते थे। शुक्रवार को तुर्की प्रसारक हाबेर्तुर्क से साक्षात्कार में हैतिस सेनगिज ने कहा कि खशोगी को लगा था कि सऊदी अधिकारी उनके साथ कोई समस्या खड़ी नहीं करेंगे या उन्हें तुर्की में गिरफ्तार नहीं करेंगे। हालांकि उन्हें इस बात का डर था कि इस्तांबुल में वाणिज्य दूतावास में जब वह जाएंगे तो तनाव पैदा हो सकता है। सेनगिज ने कहा कि तुर्की में उनका स्थानीय नेटवर्क अच्छा था और वह बहुत अच्छे व्यक्ति थे। उनका राजनीतिक नेटवर्क भी अच्छा था। वह मानते थे कि तुर्की एक सुरक्षित देश है और यदि उन्हें गिरफ्तार किया गया या पूछताछ की गई तो मुद्दे का तुरंत ही समाधान हो जाएगा।


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