सऊदी अरब में तख्तापलट की साजिश के आरोप में हिरासत में लिए गए शाही परिवार के तीन सदस्य
सऊदी अरब (Saudi Arabi) में शाही परिवार के तीन सदस्यों को हिरासत में लिया है। इन पर तख्तापलट के आरोप लगाए गए हैं।
रियाद, एएफपी। सऊदी अरब (Saudi Arabi) के अधिकारियों ने दो वरिष्ठ प्रिंस समेत शाही परिवार के तीन सदस्यों को तख्तापलट की कथित साजिश के आरोपों में हिरासत में लिया है। इनमें शाह सलमान के भाई राजकुमार अहमद बिन अब्दुल अजीज अल-सउद और भतीजे राजकुमार मोहम्मद बिन नयेफ शामिल हैं। इन पर देशद्रोह का आरोप लगाया गया है। सऊदी राजकुमारों के खिलाफ इस कार्रवाई को क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान की सत्ता पर बढ़ती पकड़ के तौर पर देखा जा रहा है।
अमेरिकी अखबार वाल स्ट्रीट जर्नल ने सूत्रों के हवाले से बताया कि देशद्रोह का आरोप लगने के बाद किंग सलमान के भाई प्रिंस अहमद बिन अब्दुलअजीज अल-सउद और भतीजे प्रिंस मुहम्मद बिन नायेफ को उनके घरों से शुक्रवार तड़के हिरासत में लिया गया। समाचार पत्र ने बताया कि सऊदी अरब की अदालत ने कभी सत्ता के संभावित दावेदार रहे दोनों लोगों पर शाह और क्राउन प्रिंस को हटाने के लिए तख्तापलट करने की साजिश रचने का आरोप लगाया है। इन लोगों को ताउम्र कैद या मौत की सजा सुनाई जा सकती है।
न्यूयॉर्क टाइम्स अखबार ने भी यह जानकारी दी और बताया कि प्रिंस नायेफ के छोटे भाई प्रिंस नवाफ बिन नायेफ को भी पकड़ लिया गया है। हालांकि, इस कार्रवाई पर सऊदी अधिकारियों की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान को सत्ता की बागडोर मिलने के बाद सऊदी अरब में कई आलोचकों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और कारोबारियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। शाही परिवार के तीन सदस्यों को हिरासत में लिए जाने की कार्रवाई को भी इसी का हिस्सा माना जा रहा है।
किंग सलमान के पुत्र और क्राउन प्रिंस मुहम्मद को अपने मुखर विरोधी पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या को लेकर वैश्विक स्तर पर आलोचना का सामना करना पड़ा था। खशोगी की अक्टूबर 2018 में इस्तांबुल स्थित सऊदी अरब के दूतावास में हत्या कर दी गई थी। विश्लेषकों की मानें तो इन कार्रवाइयों को देखने से लगता है कि क्राउन प्रिंस अपने 84 वर्षीय पिता शाह सलमान से औपचारिक रूप से सत्ता के हस्तांतरण से पहले आंतरिक असंतोष को खत्म करना चाहते हैं। अमेरिका में आरएएनडी कोरपोरेशन में नीति विश्लेषक बेका वासेर का कहना है कि प्रिंस मोहम्मद ने पहले ही अपनी राह में आने वाले खतरों को हटा दिया है। मौजूदा कार्रवाई सत्ता पर पकड़ बनाने का एक कदम है।