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तालिबान का फरमान, मतदान से दूर रहें अफगान नागरिक

तालिबान ने कहा है कि देश में 17 साल से जारी युद्ध को खत्म करने का एक ही तरीका है कि विदेशी सेना अफगानिस्तान छोड़े।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Mon, 08 Oct 2018 05:49 PM (IST)Updated: Mon, 08 Oct 2018 05:49 PM (IST)
तालिबान का फरमान, मतदान से दूर रहें अफगान नागरिक
तालिबान का फरमान, मतदान से दूर रहें अफगान नागरिक

काबुल, रायटर। तालिबान ने सोमवार को एक फरमान जारी कर अफगानिस्तान के नागरिकों को आगामी संसदीय चुनाव से दूर रहने को कहा है। इसके साथ ही उसने ¨हसा और सुरक्षा बलों को निशाना बनाने की धमकी भी दी है। तालिबान ने कहा है कि देश में 17 साल से जारी युद्ध को खत्म करने का एक ही तरीका है कि विदेशी सेना अफगानिस्तान छोड़े।

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इस्लामी आतंकी संगठन का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब अमेरिका के विशेष दूत जालमे खलीलजाद काबुल दौरे पर हैं। अफगानिस्तान में जन्मे खलीलजाद को अमेरिका ने तालिबान के साथ शांति वार्ता के प्रयासों का जिम्मा सौंपा है। खलीलजाद अफगानिस्तान और इराक में अमेरिका के पूर्व राजदूत रह चुके हैं। विदेश विभाग में उनकी नियुक्ति पिछले माह ही हुई है।

खलीलजाद ने तालिबान से शांति वार्ता को लेकर अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी के साथ रणनीतिक चर्चा भी की है। खलीलजाद ने कहा, 'शांति एक पवित्र प्रक्रिया है। अमेरिकी सरकार व जनता इस शांति प्रक्रिया में अफगान सरकार और जनता के साथ है।' तालिबान पर वार्ता का दबाव बनाने के लिए उनकी इसी हफ्ते पाकिस्तान, सऊदी अरब और कतर जाने की योजना है।

तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने आरोप लगाया है कि अफगानिस्तान में बने रहने के लिए अमेरिका चुनाव का सहारा ले रहा है। वर्ष 1996 से 2001 तक अफगानिस्तान पर शासन करने वाले तालिबान को अमेरिकी सेना ने सत्ता से हटाया था।


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