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युद्धग्रस्त इदलिब में एक बार फ‍िर सीरियाई और तुर्की सेनाओं की हलचल, बढ़ा तनाव

युद्धग्रस्त इदलिब में एक बार फ‍िर सीरियाई और तुर्की सेनाओं की हलचल से एक बार फ‍िर तनाव की स्थिति उपन्‍न हो गई है।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Sat, 04 Apr 2020 09:56 AM (IST)Updated: Sat, 04 Apr 2020 09:56 AM (IST)
युद्धग्रस्त इदलिब में एक बार फ‍िर सीरियाई और तुर्की सेनाओं की हलचल, बढ़ा तनाव
युद्धग्रस्त इदलिब में एक बार फ‍िर सीरियाई और तुर्की सेनाओं की हलचल, बढ़ा तनाव

दमिश्क, एजेंसी । युद्धग्रस्त इदलिब में एक बार फ‍िर सीरियाई और तुर्की सेनाओं की हलचल से एक बार फ‍िर तनाव की स्थिति उपन्‍न हो गई है। सिन्हुआ समाचार एजेंसी के हवाले से कहा गया है कि तुर्की ने शुक्रवार को इदलिब में अपने सैन्‍य छावनियों की ओर 35 सैन्‍य वाहनों को भेजा है। इन वाहनों में हजारों सैनिक हैं। ऐसे में यह आंशका प्रबल हो गई है, एक बार फ‍िर यहां तनाव उत्‍पन्‍न हो सकता है।  

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रूस और तुर्की के बीच युद्धविराम पर समझौता

उल्‍लेखनीय है कि इस वर्ष रूस और तुर्की के बीच युद्धविराम पर समझौता हुआ था। तुर्की और रूस के बीच सहमति के बाद उत्तरी सीरिया में संघर्ष विराम लागू हो गया था। इस सीज फायर का मकसद सीरिया में जारी भीषण लड़ाई और दोनों देशों की सेनाओं के बीच टकराव को रोकना है। सीरिया के इदलिब प्रांत में हिंसा बढ़ने के बाद यह समझौता हुआ था। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और तुर्की के उनके समकक्ष रजब तैयब एर्दोआन के बीच लंबी बातचीत के बाद समझौते को अमली जामा पहनाया गया। लेकिन इस समझौते के कुछ घंटे बाद ही  रिया के इदलिब प्रांत में फिर से संघर्ष छिड़ गया था। सीरिया की सरकारी सेना और तुर्की समर्थित विद्रोहियों के टकराव में 15 से ज्यादा लोगों के मारे गए थे।

टकराव को रोकने में नाकाम रहा तुर्की-रूस समझौता 

सीरियाई सेना को रूस का समर्थन है, इसलिए माना जा रहा था कि रूस और तुर्की के बीच हुए युद्धविराम से इदलिब प्रांत में शांति हो जाएगी। हालांकि, इदलिब प्रांत में शांति कायम नहीं हो सकी। संयुक्त राष्ट्र ने सीरिया के हालात को बदतर बताया था, जिसमें लाखों लोगों को हिंसा का शिकार होना पड़ा था। यही लोग तुर्की और अन्य पड़ोसी देशों में शरणार्थी के रूप में पहुंचे हैं। अब तुर्की इन्हीं शरणार्थियों का भय दिखाकर यूरोपीय देशों से धन की वसूली कर रहा है। रूस शरणार्थियों के मसले पर किसी से कोई बात नहीं कर रहा।

इदलिब में संघर्ष कर रही तुर्की की सेना को अपने 60 सैनिकों की कुर्बानी

रूस समस्या के लिए तुर्की को जिम्मेदार ठहराया था, जो सीरिया के सीमावर्ती इलाकों में हमले कर वहां रहने वाले आमजनों के लिए कठिनाइयां पैदा कर रहा है। हिंसा से बचने के लिए यही नागरिक शरणार्थी के रूप में अन्य देशों में जा रहे हैं। बीते दो महीने में इदलिब में संघर्ष कर रही तुर्की की सेना को अपने 60 सैनिकों की कुर्बानी देनी पड़ी, लेकिन वह पीछे हटने का नाम नहीं ले रही। वह सीरिया की सीमा से लगे इलाके में सुरक्षित क्षेत्र विकसित करने के प्रयास में लगी है, जहां पर शरणार्थियों को बसाया जाएगा।


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