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सीरियाई वायु रक्षा सेना ने दमिश्क के पास ‘दुश्मनों के ठिकानों’ को बनाया निशाना

अमेरिकी सेना के प्रवक्ता ने पुष्टि की है कि सीरिया से सेना वापस बुलाने के आदेश पर दस्तखत कर दिए गए हैं। प्रवक्ता ने हालांकि इस बारे में और कोई जानकारी देने से इन्कार कर दिया।

By Tilak RajEdited By: Published: Wed, 26 Dec 2018 08:53 AM (IST)Updated: Wed, 26 Dec 2018 08:53 AM (IST)
सीरियाई वायु रक्षा सेना ने दमिश्क के पास ‘दुश्मनों के ठिकानों’ को बनाया निशाना
सीरियाई वायु रक्षा सेना ने दमिश्क के पास ‘दुश्मनों के ठिकानों’ को बनाया निशाना

दमिश्क, एएफपी। सीरिया की वायु रक्षा सेना ने मंगलवार को दमिश्क के पास 'दुश्मनों के ठिकानों' को निशाना बनाया। आधिकारिक समाचार एजेंसी सना और सरकारी प्रसारणकर्ता दोनों ने कहा कि वायु रक्षा सेना ने दुश्मनों का सामना करने के लिए उनके ठिकानों को निशाना बनाया।

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बताया जा रहा है कि वायु रक्षा सेना ने दुश्मनों के कई ठिकानों को ध्वस्त कर दिया। उधर, ब्रिटेन स्थित सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमैन राइट्स के प्रमुख रामी अब्देल रहमान ने कहा, 'एक इज़राइली हमला था।' उन्होंने कहा, 'इज़राइली विमानों से दागी गई मिसाइलों ने दमिश्क के दक्षिण पश्चिम और दक्षिण में स्थित हथियार डिपो को निशाना बनाया जो हिज्बुल्ला या ईरानी बलों के थे।'

इज़रायल ने पड़ोसी देश सीरिया में दर्जनों हवाई हमले किए हैं जिन्हें वे ईरान के ठिकानों के खिलाफ हमला बताता है। इनमें से ज्यादातर दमिश्क के दक्षिण में स्थित हैं। इस महीने की शुरुआत में सना और सरकारी टेलीविजन ने बताया था कि सीरियाई वायु रक्षा सेना ने दमिश्क हवाईअड्डे के पास गोलीबारी की, लेकिन बाद में दोनों समाचार संगठनों ने कोई स्पष्टीकरण दिए बगैर अपनी खबरें वापस ले ली थीं।

सीरिया से अमेरिकी सेना की वापसी के आदेश पर दस्तखत

अमेरिकी सेना के प्रवक्ता ने पुष्टि की है कि सीरिया से सेना वापस बुलाने के आदेश पर दस्तखत कर दिए गए हैं। प्रवक्ता ने हालांकि इस बारे में और कोई जानकारी देने से इन्कार कर दिया। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस आदेश का अमेरिका में ही काफी विरोध हो रहा है। तुर्की ने हालांकि इसका स्वागत किया है। अमेरिका के सहयोगी देश भी ट्रंप के इस निर्णय से सहमत नहीं हैं। उनका मानना है कि इससे आतंकी संगठन आइएस के खिलाफ लड़ाई कमजोर हो जाएगी। तुर्की के राष्ट्रपति कार्यालय ने सोमवार को कहा, 'राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन की रविवार को फोन पर राष्ट्रपति ट्रंप से बात हुई। अमेरिकी सेना के सीरिया छोड़ने के बाद क्षेत्र में शक्ति संतुलन बनाए रखने में तुर्की सक्रिय भूमिका निभाएगा। इस संबंध में दोनों नेताओं के बीच सैन्य, कूटनीतिक और अधिकारी स्तर पर समन्वय कायम रखने पर सहमति बनी है।'

नेतन्याहू बोले, अमेरिका के सीरिया से सेना हटाने से इजरायली नीति में बदलाव नहीं...

सीरिया से अमेरिकी सेना वापस बुलाने के डोनाल्‍ड ट्रंप के फैसले पर सब हैरान हैं। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि अमेरिका के सीरिया से सेना वापस बुलाने के फैसले के बावजूद उनकी सरकार वहां (सीरिया) संघर्ष के संबंध में अपनी मौजूदा नीति बनाए रखेगी। समाचार एजेंसी एफे के मुताबिक, व्हाइट हाउस के यह कहने के बाद कि अमेरिकी सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है, नेतन्याहू ने रविवार को यह टिप्पणी की। नेतन्याहू ने साप्ताहिक कैबिनेट बैठक की शुरुआत में कहा, 'अमेरिका के 2,000 अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने के फैसले से हमारी नीति में बदलाव नहीं होगा। हम सीरिया में ईरान के पैठ बनाने के प्रयासों के खिलाफ काम करना जारी रखेंगे और जरूरत पड़ने पर अपनी गतिविधियां बढ़ाएंगे।'


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