अब जल्द ही बाढ़ और आपदा की जानकारी देंगे आपके स्मार्टफोन
एक अध्ययन के अनुसार, दुनियाभर में इस्तेमाल हो रहे करोड़ों स्मार्टफोन के डाटा की मदद से बाढ़ और कई अन्य प्राकृतिक आपदाओं का पूर्वानुमान लगाना संभव हो सकता है।
यरुशलम, प्रेट्र। दिन-पर-दिन उन्नत होते जा रहे स्मार्टफोन लाखों लोगों की जिंदगी बचाने में भी मददगार हो सकते हैं। एक अध्ययन के अनुसार, दुनियाभर में इस्तेमाल हो रहे करोड़ों स्मार्टफोन के डाटा की मदद से बाढ़ और कई अन्य प्राकृतिक आपदाओं का पूर्वानुमान लगाना संभव हो सकता है।
इजरायल की तेल अवीव यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने स्मार्टफोन सेंसर की सहायता से मौसम का पूर्वानुमान लगाने की संभावनाओं का अध्ययन किया है। यह जानने के लिए कि स्मार्टफोन का सेंसर किस तरह काम करता है, शोधकर्ताओं ने यूनिवर्सिटी कैंपस के आसपास चार स्मार्टफोन लगा दिए।
इन स्मार्टफोन के आसपास के वातावरण को कृत्रिम तरीके से नियंत्रित किया गया था। इस दौरान समुद्री लहरों से मिलती-जुलती वातावरणीय लहरों का पता लगाने के लिए डाटा का विश्लेषण किया गया। शोधकर्ताओं ने ब्रिटेन में विकसित एप 'वेदर सिग्नल' के डाटा का भी विश्लेषण किया। अध्ययन को जर्नल ऑफ एटमॉस्फेरिक एंड सोलर टेरेस्टि्रयल फिजिक्स में प्रकाशित किया गया है।
बड़े काम का स्मार्टफोन सेंसर
तेल अवीव यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर कोलिन प्राइस ने कहा, 'स्मार्टफोन में लगे सेंसर लगातार हमारे आसपास के वातावरण की निगरानी करते हैं। इन पर गुरुत्वाकर्षण, धरती के चुंबकीय क्षेत्र, वातावरण के दबाव, प्रकाश की स्थिति, नमी, तापमान, आवाज की तीव्रता व कई अन्य कारकों का प्रभाव पड़ता है।
आज की तारीख में दुनियाभर में करीब तीन से चार अरब स्मार्टफोन में ऐसे महत्वपूर्ण डाटा सुरक्षित हैं। इस डाटा के इस्तेमाल से हम मौसम व अन्य प्राकृतिक आपदाओं का बेहतर पूर्वानुमान लगाने में सक्षम हो सकते हैं।'
लगातार बढ़ रही स्मार्टफोन की संख्या
शोधकर्ताओं ने कहा कि 2020 तक दुनियाभर में स्माटफोन की संख्या छह अरब के पार पहुंच जाने का अनुमान है। वहीं इसकी तुलना में मौसम पूर्वानुमान के आधिकारिक केंद्रों की संख्या बमुश्किल 10,000 है। प्राइस ने कहा कि स्मार्टफोन की गुणवत्ता में लगातार सुधार हो रहा है और कीमत कम हो रही है।
10 स्मार्टफोन का डाटा भले ही किसी काम ना आए, लेकिन एक साथ लाखों स्मार्टफोन के डाटा की मदद से निश्चित रूप से अहम जानकारी जुटाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि इसके लिए एक एप विकसित किया जा सकता है, जिसकी मदद से लोग मौसम से संबंधित अपने स्मार्टफोन का डाटा क्लाउड पर शेयर कर सकें। इन डाटा का विश्लेषण करते हुए खतरे वाली जगहों पर लोगों को चेतावनी भेजी जा सकती है।
आपदाओं का लग सकता है अनुमान
शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि यह व्यवस्था अचानक आने वाली बाढ़ जैसी आपदाओं के पूर्वानुमान में कारगर हो सकती है। अभी इनका पूर्वानुमान बहुत मुश्किल होता है।
प्रोफेसर प्राइस ने कहा, 'दुनियाभर में तेज बारिश के मामले बढ़ रहे हैं। इनमें से कुछ के कारण अचानक बाढ़ आ जाती है। ऐसी आपदाएं अब जल्दी-जल्दी आने लगी हैं। हम निसंदेह इन आपदाओं को रोक नहीं सकते, लेकिन स्मार्टफोन डाटा की मदद से कुछ समय रहते इनका अनुमान लगा सकते हैं। इसके बाद लोगों को सीधे उनके स्मार्टफोन से ही इस बारे में जानकारी भी देना संभव होगा।'