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ईरान के संसदीय चुनाव में कट्टरपंथी राजनीतिक तबके की जीत के संकेत

चुनाव में कम मतदान पर अयातुल्ला अली खामेनेई ने कहा है कि यह दुश्मनों के उस दुष्प्रचार का असर है जिसके अनुसार देश में कोरोना वाइरस का खतरा बढ़ रहा है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sun, 23 Feb 2020 11:58 PM (IST)Updated: Sun, 23 Feb 2020 11:58 PM (IST)
ईरान के संसदीय चुनाव में कट्टरपंथी राजनीतिक तबके की जीत के संकेत
ईरान के संसदीय चुनाव में कट्टरपंथी राजनीतिक तबके की जीत के संकेत

तेहरान, आइएएनएस। ईरान के संसदीय चुनाव में कट्टरपंथी राजनीतिक तबका जीतता नजर आ रहा है। शुक्रवार को हुए मतदान में 42.6 प्रतिशत मतदाताओं ने मताधिकार का इस्तेमाल किया, जो 1979 में हुई इस्लामिक क्रांति से अभी तक सबसे कम है। यह ईरान पर दोबारा अमेरिकी प्रतिबंध लगने के बाद पहला चुनाव था।

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खामेनेई ने कहा- दुश्मनों के दुष्प्रचार के चलते कम हुआ मतदान

चुनाव में कम मतदान पर ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने कहा है कि यह दुश्मनों के उस दुष्प्रचार का असर है जिसके अनुसार देश में कोरोना वाइरस का खतरा बढ़ रहा है। ईरान की हवा में वाइरस फैल रहे हैं। इस दुष्प्रचार का असर चुनाव पर पड़ा और लोग मतदान के लिए घर से बाहर नहीं निकले।

तेहरान में मात्र 25.4 फीसद मतदान हुआ

गृह मंत्री अब्दोलरेजा रहमानी फाजली ने बताया है कि तेहरान में मात्र 25.4 फीसद मतदान हुआ है।

30 सीटें जीतकर मुहम्मद बाघेर ईरानी संसद के अगले स्पीकर हो सकते हैं

वहां पर अयातुल्ला खामेनेई के वफादार मुहम्मद बाघेर की पार्टी 30 सीटों पर चुनाव जीती है। ऐसे में वह ईरानी संसद के अगले स्पीकर बन सकते हैं।

कोरोना वाइरस के चलते 14 प्रांतों के स्कूल, विश्वविद्यालय बंद

उल्लेखनीय है कि ईरान में अभी तक कोरोना वाइरस से पीडि़त 43 मरीज सामने आए हैं। इनके अतिरिक्त वाइरस के प्रभाव में आठ लोगों की मौत हो चुकी है। बचाव के कदम उठाते हुए सभी 14 प्रांतों के स्कूल, विश्वविद्यालय और सांस्कृतिक केंद्र बंद कर दिए गए हैं।

इराक, पाकिस्तान और तुर्की ने बंद कर दी ईरान से लगने वाली अपनी सीमाएं

इराक, पाकिस्तान और तुर्की ने ईरान से लगने वाली अपनी सीमाएं बंद कर दी हैं। जबकि अफगानिस्तान ने ईरान से होने वाला हवाई और सड़क यातायात बंद कर दिया है।

कोरोना वायरस को लेकर राष्ट्रपति शी चिनफिंग बुरी तरह डर गए

चीन में मौत का तांडव मचाने वाले कोरोना वायरस को लेकर राष्ट्रपति शी चिनफिंग बुरी तरह डर गए हैं। रविवार को पहली बार उन्होंने इस महामारी पर खुलकर बात की। उन्होंने इसे देश की अब तक की सबसे बड़ी हेल्थ इमरजेंसी बताया। शी ने स्वीकार किया कि महामारी का अर्थव्यवस्था और समाज पर अनिवार्य रूप से प्रभाव पड़ेगा। हालांकि, उन्‍होंने यह भी कहा कि यह प्रभाव अल्पकालिक होगा और इसको जल्द ही नियंत्रित कर लिया जाएगा।


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