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सऊदी अरब ने माना, इस्‍तांबुल स्थित वाणिज्यिक दूतावास में हुई खशोगी की मौत

तुर्की मीडिया के मुताबिक इस्तांबुल स्थित रियाद के वाणिज्य दूतावास के भीतर सऊदी पत्रकार जमाल खाशोगी की हत्या से पहले उन्हें यातना दी गई।

By Tilak RajEdited By: Published: Sat, 20 Oct 2018 09:25 AM (IST)Updated: Sat, 20 Oct 2018 11:18 PM (IST)
सऊदी अरब ने माना, इस्‍तांबुल स्थित वाणिज्यिक दूतावास में हुई खशोगी की मौत
सऊदी अरब ने माना, इस्‍तांबुल स्थित वाणिज्यिक दूतावास में हुई खशोगी की मौत

 दुबई, रायटर/एएफपी। सऊदी अरब ने शनिवार को स्वीकार कर लिया कि पत्रकार जमाल खशोगी की टर्किश शहर इस्तांबुल स्थित वाणिज्य दूतावास में हुए संघर्ष के दौरान मौत हो चुकी है। अमेरिकी निवासी और 'वाशिंगटन पोस्ट' के स्तंभकार खशोगी दो अक्टूबर को सऊदी अरब के वाणिज्य दूतावास में गए थे, लेकिन उन्हें बाहर आते किसी ने नहीं देखा। सऊदी अरब उनकी गुमशुदगी में अपना हाथ होने से लगातार इन्कार कर रहा था। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सऊदी अरब के बयान पर भरोसा जताते हुए इसे पहला अच्छा और बड़ा कदम करार दिया है।

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 jamal khashoggi

( जमाल खशोगी दो अक्‍टूबर को तुर्की में सऊदी के वाणिज्य दूतावास में प्रवेश करते हुए) 

सऊदी अरब के लोक अभियोजक ने बताया कि वाणिज्य दूतावास में खशोगी जिन लोगों से मिलने गए थे, उनसे उनकी लड़ाई हो गई थी जिसमें वह मारे गए। इस सिलसिले में 18 सऊदी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने घटना का कोई ब्योरा नहीं दिया। एक सऊदी अधिकारी ने बताया कि सऊदी लोगों के एक समूह के साथ खशोगी की लड़ाई हुई थी। उन्हें खामोश करने के लिए लोगों ने उनका मुंह कसकर दबा दिया जिसमें उनकी मौत हो गई।

वहीं, तुर्की के सूत्रों का कहना है कि उसके अधिकारियों के पास खशोगी की वाणिज्य दूतावास में हुई हत्या की ऑडियो रिकॉर्डिग है। सरकार समर्थक अखबार 'येनी सफाक' ने इसे प्रकाशित किया है। इसके मुताबिक, पूछताछ के दौरान खशोगी को काफी यातनाएं दी गईं थीं। उनकी अंगुलियां काट दी गई थीं। बाद में उनका सिर काट दिया गया। खशोगी सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की नीतियों के कटु आलोचक थे।

खशोगी के शव की जानकारी नहीं
खशोगी के शव के बारे में सऊदी अधिकारियों ने अनभिज्ञता जताई है। उनका कहना है कि शव को 'स्थानीय सहयोगियों' को सौंप दिया गया था। हालांकि, सऊदी घोषणा से पहले ही तुर्की के अधिकारियों ने इस्तांबुल के जंगलों में तलाशी अभियान शुरू कर दिया था।

प्रिंस के करीबी समेत पांच सऊदी अधिकारी बर्खास्त
इस बीच, सऊदी किंग सलमान ने इस घटना के सिलसिले में पांच अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया है। इनमें शाही दरबार के सलाहकार और क्राउन प्रिंस के बेहद विश्वस्त माने जाने वाले सौद अल कहतनी और उप-खुफिया प्रमुख अहमद असीरी शामिल हैं।

इसके अलावा उन्होंने खुफिया एजेंसी के पुनर्गठन के लिए प्रिंस मोहम्मद की अध्यक्षता में एक मंत्रिमंडलीय समिति भी गठित की है। इससे साफ है कि क्राउन प्रिंस के पास व्यापक अधिकार बने रहेंगे।

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क्राउन प्रिंस से बात करेंगे ट्रंप
ऐरीजोना में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, 'सऊदी अरब अच्छा सहयोगी रहा है। लेकिन जो कुछ हुआ है वह अस्वीकार्य है।' उन्होंने कहा कि इस संबंध में वह क्राउन प्रिंस से बात करेंगे। साथ ही उन्होंने ईरान से निपटने में और सऊदी अरब को बड़ी मात्रा में हथियार बिक्री से पैदा होने वाले रोजगार को लेकर उसकी महत्ता का उल्लेख भी किया। हालांकि सऊदी घोषणा से पहले उन्होंने कहा था कि अगर खशोगी की हत्या में सऊदी अरब का हाथ हुआ तो उस पर प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं।

ब्रिटेन-आस्ट्रेलिया पर घोषणा का असर नहीं
सऊदी अरब की कहानी पर कई देशों को भरोसा नहीं है। ब्रिटेन का कहना है कि वह अपने अगले कदम पर विचार कर रहा है। जबकि आस्ट्रेलिया ने कहा है कि वह इस हत्या के विरोध में सऊदी अरब में होने वाले निवेश सम्मेलन से हट रहा है। वहीं, एमनेस्टी इंटरनेशनल का कहना है कि सऊदी अरब का बयान आंखों में धूल झोंकने की कोशिश लगती है। इससे पता चलता है कि सऊदी का मानवाधिकारों का रिकॉर्ड निम्नतम स्तर पर पहुंच गया है। हालांकि मिस्त्र, बहरीन और संयुक्त अरब अमीरात ने किंग सलमान की प्रशंसा में बयान जारी किए हैं।


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