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ड्राइविंग सीट पर आने के लिए बेताब हैं सऊदी अरब की महिलाएं

सऊदी अरब में महिलाओं के लिए कार की ड्राइविंग पर लगी दशकों पुरानी पाबंदी हटाने के बाद बड़े बदलाव की उम्मीद, इसे ऐतिहासिक आदेश मान रही हैं महिलाएं

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Mon, 05 Mar 2018 11:18 AM (IST)Updated: Mon, 05 Mar 2018 11:41 AM (IST)
ड्राइविंग सीट पर आने के लिए बेताब हैं सऊदी अरब की महिलाएं
ड्राइविंग सीट पर आने के लिए बेताब हैं सऊदी अरब की महिलाएं

रियाद (प्रेट्र)। महिलाओं के लिए कार की ड्राइविंग पर लगी दशकों पुरानी पाबंदी हटाने सऊदी अरब शासन के फैसले से पूरे देश में जबरदस्त उत्साह है और ज्यादातर महिलाएं ड्राइविंग सीट पर बैठने की बेसब्री से प्रतीक्षा कर रही हैं। उन्हें लगता है कि यह कदम उनके जीवन में बड़ा बदलाव लाएगा।

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सऊदी अरब शासन की नीति में इस बड़े बदलाव की शुरुआत पिछले साल सितंबर में हुई थी जब सऊदी किंग सलमान बिल अब्दुल्ला अल साद ने इस आशय का ऐतिहासिक आदेश जारी किया था। इस साल जून से जब महिलाओं के लिए कार की ड्राइविंग के लिए दरवाजे पूरी तरह खुल जाएंगे तो बदलाव की यह पहल अपने अंजाम तक पहुंच जाएगी।

उम्मीद की एक नई किरण

एक युवा फ्रीलांस ट्रांसलेटर वाद इब्राहीम कहती हैं कि यह एक ऐतिहासिक कदम है और इसने हमारे जीवन में उम्मीद की एक नई किरण भरने का काम किया है। हमें आजादी का अनुभव भी हो रहा है और अपने सशक्त होने का भी। सऊदी अरब में महिलाओं की आबादी कुल जनसंख्या का 45 प्रतिशत है। वाद के मुताबिक एक युवा सऊदी महिला के रूप में मैं बहुत खुश हूं और इस बदलाव की उत्सुकता से प्रतीक्षा कर रही हूं। मुझे भरोसा है कि देश की बाकी महिलाएं भी ऐसा ही सोचती होंगी। वाद ने पहले रियाद अंतरराष्ट्रीय मानवता फोरम में हिस्सा लिया है, जो पिछले सप्ताह ही आयोजित हुआ।

रोजगार के नए अवसरों का सृजन होगा

माना जा रहा है कि महिलाओं को कार की ड्राइविंग की छूट देने के सऊदी अरब शासन के फैसले से परिवारों का खर्च भी घटेगा और इससे रोजगार के नए अवसरों का भी सृजन होगा। इसका मतलब है कि इस कदम से देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। वाद के मुताबिक सऊदी अरब बदल रहा है। पहले का समाज इस तरह के फैसले को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं था, लेकिन हमने इसे स्वीकार किया और अब हम किसी भी बदलाव के लिए ज्यादा खुल गए हैं।

बड़े सुधारों का हिस्सा

महिलाओं के हित में लिए गए इस फैसले को क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान के बड़े सामाजिक-आर्थिक सुधारों का हिस्सा माना जा रहा है। क्राउस प्रिंस ने अपने

विजन 2030 के तहत एक नए सऊदी अरब की परिकल्पना की है। इस योजना के तहत सऊदी प्रशासन में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के उपाय किए जा रहे हैं।

ये है लक्ष्य

अभी कामकाजी महिलाएं 22 प्रतिशत हैं, लेकिन इसे 30 प्रतिशत तक ले जाने का इरादा है। इसका मकसद तेल की संपदा से धनी सऊदी अरब को आर्थिक विकास के लिए पूरी तरह तेल पर निर्भरता के दायरे से बाहर निकालना है।

अब हो सकती हूं आत्मनिर्भर

एक मार्केट एनालिस्ट अरीज अलहुसन के मुताबिक महिलाओं को ड्राइविंग का अधिकार देना एक बड़ी बात है और यह सपना एक ऐसे समय साकार हुआ है जब हमने इसकी उम्मीद ही छोड़ दी थी। सच तो यह है कि यह काम बहुत पहले हो जाना चाहिए था। अब मैं सही मायने में आत्मनिर्भर हो सकती हूं।

तीन दिनों में एक लाख 65 हजार ने ड्राइविंग स्कूल में किया आवेदन

सऊदी अरब के ड्राइविंग स्कूलों में आवेदनों की बाढ़ सी आ गई है। अनगिनत महिलाएं अपने रजिस्टे्रशन करा रही हैं। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू होने के पहले तीन दिनों के भीतर ही पहले ड्राइविंग स्कूल में एक लाख 65 हजार आवेदन आ गए।

बेडि़यां तोड़ रही सऊदी अरब की महिलाएं, पुरुष की इजाजत के बिना कर सकेंगी कारोबार

महिलाओं की आजादी को लेकर जो काम सऊदी अरब कर रहा है वह वास्‍तव में तारीफ के काबिल है। बीते कुछ समय से सऊदी अरब लगातार महिलाओं के हक में फैसले ले रहा है। कभी मुस्लिम कट्टरपंथी के तौर पर पहचाने जाने वाले इस देश ने अब इसको छोड़ने का मन बना लिया है। यही वजह है कि सऊदी अरब ने एक बार फिर से धमाकेदार फैसला लेते हुए महिलाओं को कारोबार शुरू करने का हक दे दिया है।

सऊदी अरब बदल रहा है अपनी छवि

अगर हाल के कुछ वर्षों की बात की जाए तो यह सऊदी अरब की बदलती छवि को साफतौर पर देखा और समझा जा सकता है। इसे इस तरह से भी समझा जा सकता है कि पहले सऊदी अरब में की महिलाओं ने पहली बार 2012 के ओलंपिक गेम्‍स में हिस्‍सा लिया था। इसके अलावा दिसंबर 2015 में सऊदी अरब ने पहली बार महिलाओं को वोटिंग का अधिकार दिया।

सऊदी अरब के ऐतिहासिक निर्णय

लगातार बदल रहे सऊदी अरब ने सितंबर 2017 में एक बार फिर बड़ा और ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए महिलाओं को ड्राइविंग का अधिकार दिया। हालांकि यह अधिकार सही मायने में अगले वर्ष यानि 2018 से लागू होना है लेकिन इस तरफ कदम बढ़ाना सऊदी अरब में हो रहे बड़े सुधारों को दुनिया के सामने प्रदर्शित जरूर करता है। वहीं अगर कुछ वर्ष पहले चले जाएं तो महिलाओं को ड्रा‍इविंग का अधिकार मांगने पर उन्‍हें जेल में डाल दिया जाता था।  


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