तालिबान और गनी विरोधियों की मेजबानी करेगा रूस, अमेरिका ने कही बड़ी बात
रूस की इस भूमिका को मध्यस्थ के तौर पर देखा जा रहा है। एक अमेरिकी अधिकारी ने इस पर कहा कि यह अमेरिका समर्थित शांति प्रक्रिया को पटरी से उतारने का प्रयास है।
काबुल, रायटर। अफगानिस्तान में 17 साल से जारी संघर्ष खत्म कराने के प्रयास में रूस भी जुटा है। इस कवायद में वह मंगलवार को तालिबान और अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी के विरोधियों के बीच वार्ता की मेजबानी करेगा। रूस की इस भूमिका को मध्यस्थ के तौर पर देखा जा रहा है। एक अमेरिकी अधिकारी ने इस पर कहा कि यह अमेरिका समर्थित शांति प्रक्रिया को पटरी से उतारने का प्रयास है। अमेरिका के विशेष दूत जालमे खलीलजाद और तालिबान के प्रतिनिधियों के बीच पिछले हफ्ते कतर में वार्ता हुई थी। दोनों पक्षों में अगले दौर की बातचीत 25 फरवरी को होने वाली है। तालिबान ने इस वार्ता में अफगान सरकार को शामिल करने से मना कर दिया है।
रूस के एक अधिकारी ने गुरुवार को कहा, 'तालिबान के वरिष्ठ प्रतिनिधि और प्रमुख अफगान नेता एक दिन की वार्ता के लिए मॉस्को का दौरा करेंगे।' कतर में स्थित तालिबान के सियासी मामलों के कार्यालय के प्रवक्ता सोहेल शाहीन ने भी कहा, 'मुहम्मद अब्बास के नेतृत्व में एक दल मॉस्को जाएगा।' मॉस्को वार्ता को अफगानिस्तान से सोवियत बलों की वापसी के दशकों बाद इस देश में रूस की बढ़ती भूमिका के तौर पर देखा जा रहा है।
रूस, अफगानिस्तान के साथ राजनयिक और सांस्कृतिक संबंध बढ़ाने के साथ ही सैन्य मदद मुहैया कराने की तैयारी में है। रूस ने अफगान संघर्ष का हल खोजने के लिए गत नवंबर में भी बहुपक्षीय बैठक की मेजबानी की थी। खबर है कि रूस की मेजबानी में होने वाली वार्ता में अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई समेत गनी के कई आलोचक शामिल होंगे। रूस के इस प्रयास पर अमेरिकी और अफगान अधिकारियों ने नाराजगी जताई है। अमेरिका के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'रूस फिर से अमेरिका समर्थित शांति प्रक्रिया और अफगानिस्तान के सियासी हालात को बिगाड़ने का प्रयास कर रहा है।'