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इराक में फ‍िर भड़की हिंसा, सुरक्षा बल की फायरिंग में एक की मौत, छह घायल

राक की राजधानी बगदाद में सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच हुए नए संघर्ष में एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई और छह प्रदर्शनकारी घायल हो गए।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Mon, 24 Feb 2020 10:40 AM (IST)Updated: Mon, 24 Feb 2020 10:40 AM (IST)
इराक में फ‍िर भड़की हिंसा, सुरक्षा बल की फायरिंग में एक की मौत, छह घायल
इराक में फ‍िर भड़की हिंसा, सुरक्षा बल की फायरिंग में एक की मौत, छह घायल

बगदाद, एजेंसी । रविवार को इराक की राजधानी बगदाद में सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच हुए नए संघर्ष में एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई और छह प्रदर्शनकारी घायल हो गए। यह घटना तब हुई जब सुरक्षा बलों की भीड़ को तितर-बितर करने के लिए कई राउंड फा‍यरिंग किया।

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सिनाक पुल के पास हुईं झड़पें 

इराकी सुरक्षा और चिकित्सा अधिकारियों ने कहा कि बगदाद के केंद्रीय खिलानी स्क्वायर में रविवार शाम एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई और कम से कम छह घायल हो गए। प्रदर्शनकारियों द्वारा सिनाक पुल के पास झड़पें हुईं। 

प्रदर्शनकारियों द्वारा महीनों तक को अवरुद्ध करने के बाद सुरक्षा बलों द्वारा सिनाक पुल को खोल दिया था। प्रदर्शनकारियों ने सेंट्रल तहरीर स्क्वायर और आस-पास के जम्हूरिया पुल पर कब्जा करना जारी रखा है, जो इराक की सरकार की सीट गढ़वाले ग्रीन जोन की ओर जाता है। बता दें एक अक्‍टूबर को सरकार के विरोध में इराक के दक्षिण में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए थे। हजारों इराकियों सरकारी भ्रष्टाचार, खराब सेवाओं और बेरोजगारी को कम करने के लिए सड़कों पर उतरे। इस प्रदर्शन में ज्यादातर युवा लोग शामिल है। 

सरकार विरोधी प्रदर्शनकारी दो खेमों में बंटे

गौरतलब है कि इराक में सरकार विरोधी प्रदर्शनकारी दो खेमों में बंट गए हैं। शिया धर्मगुरु मुक्तदा अल-सद्र ने प्रदर्शनकारियों के अमेरिकी विरोध और नए प्रधानमंत्री के एलान के बाद सरकार विरोधी मुद्दे से भटकने पर आंदोलन से हाथ खींच लिए। इसके बाद कुछ गुट उनके विरोधी हो गए। सात फरवरी को प्रदर्शनकारियों और शिया धर्मगुरु के समर्थकों में हुई हिंसक झड़पों में 11 लोगों की मौत हुई थी। इराक के सरकारी मीडिया ने जानकारी दी है कि इन झड़पों में करीब 71 लोग घायल हुए थे। जानकारी के मुताबिक सद्रेन स्क्वायर पर सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों और शिया धर्मगुरु अल-सद्र के समर्थकों के बीच हिंसक झड़पें हुईं थीं।

बता दें कि शिया धर्मगुरु ने अक्तूबर से जारी सरकार विरोधी प्रदर्शनों का शुरू से समर्थन किया था। लेकिन राष्ट्रपति बरहाम सालिह की तरफ से शनिवार को संचार मंत्री मोहम्मद तौफीक अलवी को नया प्रधानमंत्री घोषित करने के बाद वे इस आंदोलन से अलग हो गए थे। अल-सद्र ने अलवी का समर्थन किया है, जबकि प्रदर्शनकारियों ने उनके नाम को खारिज कर दिया है।


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