इराकियों ने तोड़ी परंपरा, इस बार बंदूक के साथ नहीं मनाई जाएगी ईद
आइएस के कब्जे से निकलने के बाद इराक के लोग शांति चाहते हैं, इसलिए अब वे नहीं चाहते कि उनके बच्चे बंदूक से खेलें।
मोसुल (एजेंसी)। इराक के शहर मोसुल में लंबे समय से परंपरा है कि बच्चे ईद-उल-फितर पर पटाखे और खिलौने वाली बंदूक के साथ खेलते हैं और अपनी बहनों और दादा-दादी को उससे डराते हैं। लेकिन अब इराकियों ने इस परंपरा को न मनाने का फैसला किया है।
जिहादियों के तीन साल के शासन के दौरान, प्राथमिक विद्यालय बच्चों से गणित में अक्सर गोलियों और ग्रेनेड की गिनती कराई जाती थी, वहीं युवाओं को फ्रंटलाइन युद्ध के लिए प्रशिक्षित किया जाता था। आइएस के कब्जे से निकलने के बाद वह लोग शांति चाहते हैं, इसलिए अब वह नहीं चाहते कि उनके बच्चे बंदूक से खेलें।
पहली बार, 50 वर्षीय विधवा उम्म बर्किस ने अपने चार बच्चों के लिए प्लास्टिक की बंदूकें खरीदने से इंकार कर दिया, क्योंकि वह चाहती थी कि उसके बच्चे ईद खुशियों के साथ मनाएं न कि बंदूक के साथ। बर्किस ने कहा कि हथियारों ने हमारे शहर को बर्बाद कर दिया है और हमारे बच्चों को घायल किया है, इसलिए इस साल हम खिलौने वाली बंदूक नहीं खरीदेंगे। हमें ऐसी हर एक चीज से नफरत है, जो हिंसा की याद दिलाती है।
उन्होंने आगे कहा कि मुझे नहीं लगता ईद के त्योहार को बंदूक के साथ मनाना जरूरी है। हमारे आस-पास के लोगों ने भी बिना बंदूक के ईद मनाने का फैसला किया है। यह त्योहार हम बिना बंदूक के खुशियों के साथ सेलिब्रेट करेंगे।
एक अन्य नागरिक अली मोयद ने कहा कि अभी भी बाजार में खिलौने वाली बंदूक और पटाखे मौजूद हैं। लेकिन बच्चों और लोगों से अपील की जा रही है कि वह उन्हें ना खरीदें। उन्होने आगे कहा कि दुकानदारों से भी कहा जा रहा है कि वह ऐसी चीजें अपनी दुकान पर न रखें। उन्होंने कहा, 'मैं बंदूक पर आधिकारिक प्रतिबंध लगाने की मांग करता हूं।'