Move to Jagran APP

ईरान परमाणु समझौते को पुनर्जीवित करने में जुटीं विश्व की बड़ी शक्तियां, राजनयिकों की हुई मुलाकात

ईरान परमाणु समझौते को पुनर्जीवित करने के क्रम में मध्यस्थता कर रहे यूरोपीय यूनियन फ्रांस जर्मनी चीन रूस व ब्रिटेन के राजनयिकों ने बुधवार को ईरान और अमेरिका के प्रतिनिधियों से अलग-अलग मुलाकात की। बता दें कि ईरान ने अमेरिका से सीधी बातचीत से इनकार किया है।

By Monika MinalEdited By: Published: Thu, 08 Apr 2021 03:19 PM (IST)Updated: Thu, 08 Apr 2021 03:19 PM (IST)
ईरान परमाणु समझौते को पुनर्जीवित करने में जुटीं विश्व की बड़ी शक्तियां, राजनयिकों की हुई मुलाकात
ईरान परमाणु समझौते को पुनर्जीवित करने में जुटीं विश्व की बड़ी शक्तियां

वियना, रायटर्स। वर्ष 2015 में ईरान के साथ हुए परमाणु समझौते को पुनर्जीवित करने के प्रयास में दुनिया की बड़ी शक्तियां जुट गई हैं। इसी कवायद में यूरोपीय यूनियन, फ्रांस, जर्मनी, चीन, रूस व ब्रिटेन के राजनयिकों ने बुधवार को ईरान और अमेरिका के प्रतिनिधियों से अलग-अलग मुलाकात की। ये देश मध्यस्थ के तौर पर काम कर रहे हैं, क्योंकि ईरान ने अमेरिका से सीधी बातचीत से इनकार किया है।

loksabha election banner

इधर, वाशिंगटन में अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा, 'इस तरह की वार्ता आसान नहीं है, क्योंकि यह अप्रत्यक्ष रूप से हो रही है।' उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका कुछ प्रतिबंधों से राहत दे सकता है। उल्लेखनीय है कि यह परमाणु समझौता ईरान ने दुनिया की छह बड़ी शक्तियों अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस, चीन और जर्मनी के साथ किया था। वर्ष 2018 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस समझौते से अपने देश को अलग कर लिया था और ईरान पर सख्त प्रतिबंध थोप दिए थे। इससे भड़के ईरान ने समझौते का उल्लंघन कर अपने परमाणु कार्यक्रम को तेज कर दिया।

समझौते से जुड़े रहने वाले ईरान, ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, रूस और जर्मनी के बीच वियना में मंगलवार को बैठक हुई और विशेषज्ञ स्तर के दो समूह बनाने पर सहमति बनी। इन समूहों को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है कि वे उन प्रतिबंधों की सूची तैयार करें, जिन्हें अमेरिका परमाणु समझौते की शर्तो के पूरा होने पर ईरान पर से हटा सकता है। राजनयिकों ने बताया कि यूरोपीय यूनियन के नेतृत्व वाले इन समूहों ने अमेरिका और ईरान के प्रतिनिधियों से अलग-अलग मुलाकात की। इस तरह के प्रयास का नतीजा आने में हफ्तों का वक्त लग सकता है।

जुलाई 2015 में ईरान और दुनिया के छह देशों के बीच ईरान परमाणु समझौते को मंज़ूरी मिली और इसे जनवरी 2016 से लागू किया गया। संयुक्त व्यापक कार्ययोजना (JCPOA) के नाम से जाना जाने वाला यह समझौता इसमें शामिल छह देशों में सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों यानी पी5 (अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, फ्रांस और चीन) के अलावा जर्मनी भी शामिल था। यूरोपीय संघ भी इसका एक पक्ष था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.