Lebanon Explosion: बेरूत धमाके में अब तक 135 लोगों की मौत, एफिल टॉवर ने लाइट्स बंद कर दी श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री हसन दीब ने देश में तीन दिनों के शोक की घोषणा की। शुरुआती जांच में बेरूत बंदरगाह पर विस्फोट के लिए लापरवाही का आरोप लगाया गया है।
बेरूत, रॉयटर्स। लेबनान की राजधानी बेरूत में हुए धमाके से दुनिया आहत है। आम आदमी से लेकर संयुक्त राष्ट्र तक जानलेवा धमाके को लेकर चिंता जताई गई है। देश की बचाव टीमों ने बुधवार को शवों को बाहर निकाला और भारी संख्या में लापता लोग भी मिले, जो मलबे में दबे हुए थे। यह धमाका राजधानी स्थित गोदाम में हआ। इस धमाके से बेरूत में विनाशकारी तस्वीरें सामने आई और अब तक कम से कम 135 लोगों ने दम तोड़ दिया है। वहीं, संवेदना प्रकट करते हुए एफिल टॉवर ने भी अपने लाइट्स बंद कर दी। जिसके बाद अंधकार छा गया।
गोदाम विस्फोट के पीड़ितों को श्रद्धांजलि देने के लिए एफिल टॉवर ने अपनी लाइट्स बंद कर दी। इसके अलावा पेरिस में Sacre Coeur basilica के बाहर एक लोगों के समूह ने मोमबत्ती जलाते हुए दुख जताया।
The Eiffel Tower switched off its lights in a symbolic tribute to the victims of the warehouse explosion in Beirut. A candlelit vigil was held outside the Sacre Coeur basilica in Paris https://t.co/2mtCm2MLNn" rel="nofollow pic.twitter.com/9GOqByOoEH— Reuters (@Reuters) August 6, 2020
प्रधानमंत्री हसन दीब ने गुरुवार से देश में तीन दिनों के शोक की घोषणा की। शुरुआती जांच में बेरूत बंदरगाह पर विस्फोट के लिए लापरवाही का आरोप लगाया गया है। इस धमाके में फिलहाल काफी लोग लापता बताए जा रहे हैं और 5,000 से अधिक लोग घायल है। विस्फोट इतना तेज था कि घर की खिड़कियां टूट गईं।
बता दें कि विस्फोट से मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका थी और ऐसा देखा भी जा रहा है। स्थानीय टीवी चैनलों के मुताबिक, पोर्ट के पास जहां धमाका हुआ, वहां एक गोदाम में पटाखे जमा किए गए थे। यह विस्फोट बेरूत में अब तक का सबसे शक्तिशाली था, जो कि तीन दशक पहले खत्म हुए गृहयुद्ध और आर्थिक मंदी से उबरने और कोरोना वायरस संक्रमणों में वृद्धि के समय हुआ। विस्फोट साइप्रस के भूमध्यसागरीय द्वीप पर लगभग 100 मील (160 किमी) की दूरी पर इमारतों को चीरता हुआ दिखाई दिया।
राष्ट्रपति माइकल एउन ने एक आपातकालीन कैबिनेट सत्र के दौरान राष्ट्र को दिए एक संबोधन में कहा कि इस धमाके के आगे सभी शब्द खत्म हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि उस डरावनी घटना का वर्णन नहीं कर सकता, जिसने हमें आपदाग्रस्त शहर में बदल दिया।