Move to Jagran APP

कुछ इस तरह हुआ दुनिया के सबसे खूंखार आतंकी संगठन आईएस का उदय और पतन

आईएस का या तो पूरी तरह से खात्मा किया जा चुका है या फिर सीरिया और इराक सहित इस क्षेत्र में हो रहा खून खराब अंतिम कगार पहुंच चुका है।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Wed, 18 Oct 2017 03:26 PM (IST)Updated: Sat, 21 Oct 2017 01:07 PM (IST)
कुछ इस तरह हुआ दुनिया के सबसे खूंखार आतंकी संगठन आईएस का उदय और पतन
कुछ इस तरह हुआ दुनिया के सबसे खूंखार आतंकी संगठन आईएस का उदय और पतन

नई दिल्ली, [स्पेशल डेस्क]। दुनिया के कई देशों में अपनी दहशत फैलाने और हाल के वर्षों में नागरिकों पर प्रताड़ना की सारी सीमाओं को पार करने वाले खूंखार आतंकी संगठन आईएसआईएस इस वक्त खत्म होने की कगार पर है। आईएसआईएस के नियंत्रण में पिछले करीब तीन साल से भी ज्यादा समय से रह रहे लोगों पर इसने काफी जुल्म ढाया है। लेकिन, अब ये आतंकी संगठन एक छोटे से क्षेत्र में सिमटकर अपने वजूद को बचाने के लिए संघर्ष कर रहा है और चारों तरफ से स्थानीय सुरक्षाबलों से घिर चुका है।

loksabha election banner

खत्म होने की कगार पर आईएस
हालांकि, कुछ लोगों का ये मानना है कि आईएस का या तो पूरी तरह से खात्मा किया जा चुका है या फिर दोनों देशों और इस क्षेत्र में हो रहा खून खराबा अंतिम पड़ाव पर है। आइये देखते हैं किस तरह से इस्लामिक स्टेट यानि आईएसआईएस का उदय हुआ और आगे क्या हो सकता है-

इराक में अलकायदा के बचे लोगों ने बनाया आईएस
अलक़ायदा से जुड़े कुछ लोगों का इराक में आईएसआईएस के रूप में उदय हुआ और ये धीरे-धीरे 2014 की शुरुआत में मध्य-पूर्व में फैलना शुरू हो गया। इसने जल्द ही इराक के फल्लुजाह शहर और प्रांतीय राजधानी रमादी में अतिक्रमण करना शुरू कर दिया। सीरिया के रक्का शहर में सीरियन विद्रोही को भगाने के बाद इसने पूरी तरह से वहां पर अपना कब्जा जमा लिया।

जल्द ही आईएस का कई शहरों पर कब्जा
जून 2014 में इस्लामिक स्टेट ने इराक के दूसरे सबसे बड़े शहर मोसूल पर अपना कब्जा जमाया। मोसूल वो जगह है जहां से आईएसएआईस चीफ अबू बकर अल-बगदादी ने खुद को खलीफा घोषित किया। जिसकी दहशत से पूरा इलाका कांप उठा था। आईएस ने लोगों के साथ न्याय, बराबरी और धार्मिक उतोपिया का वादा किया। लेकिन, अगले कुछ वर्षों में इसके नियंत्रण में रह रहे लोग खौफ में जीने लगे।

आईएसआईएस के लोगों ने यजीदी समुदाय के लोगों की हत्या करने लगे, महिलाओं और लड़कियों को अपहरण कर उन्हें सेक्स गुलाम बनाने लगे। वो पश्चिमी पत्रकारों की बर्बरतापूर्वक हत्या करने लगे और मध्य-पूर्व के शानदार पुरातात्विक और सांस्कृतिक स्थलों को बर्बाद करने लगे। आईएस ने विदेशी लड़ाकों को भी अपनी ओर आकर्षिक किया, खासकर हाशिए पर खड़े यूरोपीय और अन्य विदेशी युवा। लेकिन, इसने मुख्यधारा के सुन्नी मुसलमानों को अलग कर दिया, क्योंकि उन्होंने यह माना कि आईएस इस्लाम की गलत व्याख्या कर रहा है। आईएसआईएस ने इराक और सीरिया में अपना विस्तार किया और उसके कई शहरों पर अपना कब्जा जमाया। जिसके बाद इसके खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कार्रवाई शुरू हुई।

आईएस के खिलाफ अमेरिका ने शुरू किया अभियान
अमेरिका ने अगस्त 2014 में आतंकी संगठन आईएसआईएस लड़कों के खिलाफ हवाई हमले शुरू किए और एक महीने बाद सीरिया में कार्रवाई शुरू की। इराक में अमेरिकी सैन्य बलों ने वहां के सुरक्षाबलों के साथ मिलकर उसके खिलाफ कार्रवाई शुरू की तो वहीं दूसरी तरफ सीरिया में अमेरिकी बलों ने स्थानीय सीरियन कुर्दिश लड़ाकों को अपने साथ लिया जिसे सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्स कहा जाता है।

कई इलाकों में आईएस पीछे हटने पर मजबूर
अमेरिका की तरफ से किए गए करीब दस हजार से ज्यादा हवाई हमलों के बाद इन सुरक्षाबलों ने इस दौरान इनके गढ़ से एक के बाद एक इन्हें पीछे हटने पर मजबूर कर दिया। लेकिन, आईएस को सबसे बड़ा झटका उस वक्त लगा जब इराक में आईएस का मुख्य गढ़ माना जाने वाला मोसूल उससे मुक्त करा लिया गया।

सीरिया में अमेरिका और रूस का आईएस पर हमला
जबकि, सीरिया में आईएसआईएस उस वक्त पीछे हटने पर मजबूर हुआ जब अमेरिका समर्थिक कुर्दिश नेतृत्व वाले सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्स यानि एसडीएफ और रूस समर्थित सीरियाई सुरक्षा बलों ने अलग-अलग लेकिन बेहद घातक हमले कर इनकी कमर तोड़ दी। कट्टरपंथियों से रक्का को करीब-करीब मुक्त करा लिया गया है, जहां पर एसडीएफ जल्द ही अपनी जीत को घोषणा करनेवाली है। जबकि, हविजा को मुक्त कराने के बाद जेहादियों के हाथ में अब उत्तरी इराक का कोई भी शहर नहीं है।

अब इराकी सुरक्षा बल उसके आखिरी गढ़ अन्बार प्रांत जो कि विशाल रेगिस्तान है और सीरिया की सीमा से लगता हुआ है वहां पर मोर्चा लेने के लिए तैयारी कर रही है। जबकि, सीरिया में आईएस ने अब भी इराकी सीमा के पास बुकमाल शहर पर अपना कब्जा जमाया हुआ है और पूर्वी हिस्से में अपना फैलाव कर रखा है।

ये भी पढ़ें: सात अजूबों में से एक ताजमहल पर आखिर क्यों मचा है सियासी बवाल
 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.