इजरायली सेना ने कहा गाजा पट्टी पर 50 रॉकेट दागे गए, हताहतों की संख्या स्पष्ट नहीं
इजराइल सेना का कहना है कि उसने गाजा में दो रॉकेट लॉन्चरों के जवाब में यह कार्रवाई की है। गाजा पट्टी पर कई दिनों हिंसक घटनाएं हो रही है।
By Ramesh MishraEdited By: Published: Sat, 04 May 2019 01:52 PM (IST)Updated: Sat, 04 May 2019 01:52 PM (IST)
यरुशलम, एएफपी। इजरायली सेना ने कहा शनिवार को गाजा पट्टी पर करीब 50 रॉकेट दागे गए हैं। सेना ने कहा है कि कई हवाई हमलों को हवा में ही ध्वस्त कर दिया गया। हालांकि, इस हमले में हताहतों की संख्या स्पष्ट नहीं हो सकी है। गाजा पट्टी पर कई दिनों हिंसक घटनाएं हो रही है।
बता दें कि इसरायल और गाजा पट्टी के बीच सीमा पर कई दिनों से हिंसक प्रदर्शन जारी है। इसके पूर्व इसरायल ने हमास के शीर्ष नेताओं के कार्यालय को निशाना बनाते हुए हमले किए थे। इसरायल ने अपने ज्यादातर शहरों में किसी संभावित बम हमलों से बचने के लिए सार्वजरिक स्थल खोल दिए हैं।
बता दें कि हमास फलस्तीनी क्षेत्र का सबसे प्रमुख इस्लामी चरमपंथी संगठन है। इसका गठन 1987 के जनआंदोलन के दौरान हुआ था। उसके बाद से ही ये फलस्तीनी क्षेत्रों से इसरायली सेना को हटाने के लिए संघर्ष कर रहा है। हमास इसरायल को मान्यता नहीं देता वह पूरे फलस्तीनी क्षेत्र में इस्लामी राष्ट्र की स्थापना करना चाहता है।
शेख अहमद यासिन के नेतृत्व में चलाए जा रहे संगठन की राजनीतिक और सशस्त्र इकाइयां हैं। इसकी राजनीतिक इकाई स्थानीय लोगों सामाजिक और धार्मिक सहयोग करती है। इमास की सशस्त्र इकाई इसरायली ठिकानों पर हमले करती है।
बता दें कि इसरायल और गाजा पट्टी के बीच सीमा पर कई दिनों से हिंसक प्रदर्शन जारी है। इसके पूर्व इसरायल ने हमास के शीर्ष नेताओं के कार्यालय को निशाना बनाते हुए हमले किए थे। इसरायल ने अपने ज्यादातर शहरों में किसी संभावित बम हमलों से बचने के लिए सार्वजरिक स्थल खोल दिए हैं।
बता दें कि हमास फलस्तीनी क्षेत्र का सबसे प्रमुख इस्लामी चरमपंथी संगठन है। इसका गठन 1987 के जनआंदोलन के दौरान हुआ था। उसके बाद से ही ये फलस्तीनी क्षेत्रों से इसरायली सेना को हटाने के लिए संघर्ष कर रहा है। हमास इसरायल को मान्यता नहीं देता वह पूरे फलस्तीनी क्षेत्र में इस्लामी राष्ट्र की स्थापना करना चाहता है।
शेख अहमद यासिन के नेतृत्व में चलाए जा रहे संगठन की राजनीतिक और सशस्त्र इकाइयां हैं। इसकी राजनीतिक इकाई स्थानीय लोगों सामाजिक और धार्मिक सहयोग करती है। इमास की सशस्त्र इकाई इसरायली ठिकानों पर हमले करती है।
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