इराकी वैज्ञानिक ने की थी रासायनिक हथियार बनाने में आइएस की मदद
वाशिंगटन पोस्ट को दिए एक इंटरव्यू में सुलेमान ने यह दावा किया है। इराक के अर्धस्वायत्त क्षेत्र इरबिल में कैद सुलेमान ने यह भी बताया है कि वह कैसे आइएस के चंगुल में आया।
बगदाद, आइएएनएस। इराक के एक वैज्ञानिक ने दावा किया है कि उसने आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आइएस) की रासायनिक हथियार बनाने में मदद की थी। इराक के उद्योग व खनिज मंत्रालय में भूविज्ञानी के पद पर कार्यरत सुलेमान अल-आफरी का कहना है कि आइएस के रासायनिक हथियारों के निर्माण का काम उसकी निगरानी में हुआ था।
आइएस ने 2014 से 2016 के बीच घातक रासायनिक हथियार मस्टर्ड गैस का निर्माण किया था। सुलेमान ने वाशिंगटन पोस्ट को दिए एक इंटरव्यू में यह दावा किया है। इराक के अर्धस्वायत्त क्षेत्र इरबिल में कैद सुलेमान ने यह भी बताया है कि वह कैसे आइएस के चंगुल में आया।
उसने कहा, 'इराक पर आइएस के कब्जे के बाद मुझे लगा कि अब उसी की सरकार चलेगी। मैं अपनी नौकरी गंवाना नहीं चाहता था इसलिए आइएस के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया।' 2016 में अमेरिका की मदद से इराकी सैनिकों ने आइएस के खिलाफ निर्णायक जंग लड़ी जिसमें आइएस के रासायनिक हथियारों के ठिकानों को भी नष्ट कर दिया गया। लेकिन आतंकी अपने साथ कुछ रासायनिक हथियार सीरिया ले जाने में सफल रहे। आशंका जताई जाती है कि इन्हें जमीन में दबा दिया गया।