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इराक के स्काउट्स ने पूर्व जिहादी गढ़ मोसुल में की वापसी, दे रहे शांति बहाल के संदेश

मोसुल में स्काउट्स के प्रमुख मोहम्मद इब्राहिम ने बताया, यह "इराक और दुनिया को एक संदेश था: कि मोसुल और इराक के स्काउट वापस आ गए हैं।"

By Srishti VermaEdited By: Published: Tue, 03 Apr 2018 04:12 PM (IST)Updated: Tue, 03 Apr 2018 04:12 PM (IST)
इराक के स्काउट्स ने पूर्व जिहादी गढ़ मोसुल में की वापसी, दे रहे शांति बहाल के संदेश
इराक के स्काउट्स ने पूर्व जिहादी गढ़ मोसुल में की वापसी, दे रहे शांति बहाल के संदेश

मोसुल (एएफपी)। इराक के शहर मोसुल में स्काउट्स का समूह तीन साल के बाद एक बार फिर से वापसी कर रहा हैा। इराक का शहर मोसुल इसके पहले इस्लामिक स्टेट को जिहादी समूह की राजधानी के लिए प्रसिद्ध था। सफेद शर्ट और गले के स्कार्फ के साथ इराक के 200 से अधिक पुरुष और महिला स्काउट नेताओं ने हाल ही में एक रैली के रूप में शहर का दौरा किया है जो शहर तीन साल के आईएस के जिहादी शासन के बाद बुरी तरह से तबाह हो गया था।

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मोसुल में स्काउट्स के प्रमुख मोहम्मद इब्राहिम ने बताया, यह "इराक और दुनिया को एक संदेश था: कि मोसुल और इराक के स्काउट वापस आ गए हैं।" आपको बता दें कि इराक अरब देशों में से पहला एक देश था जो 1914 में स्काउट मूवमेंट के वर्ल्ड ऑर्गनाइजेशन में शामिल था और जब वह ओटोमन साम्राज्य का हिस्सा था।

लेकिन 1999 में विश्व स्काउट निकाय ने इराक को इस संगठन से बाहर कर दिया क्योंकि कथित तौर पर सेना के प्रशिक्षण के लिए पूर्व तानाशाह सद्दाम हुसैन के शासन द्वारा इसका इस्तेमाल किया गया था। लेकिन इराकी स्काउट्स ने अपना काम जारी रखा। 2017 में उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्काउटिंग संगठन में फिर से शामिल कर लिया गया और आज पूरे देश में इसके 25,000 सदस्य हो गए हैं।

42 वर्षीय दक्षिण प्रांत की स्काउट लीडर काशीमा मोहसेन मोसुल की 800 किलोमीटर (500 मील) की यात्रा कर इस रैली में आई हैं। 2000 के दशक के शुरुआती दिनों में वह नियमित रूप से मोसुल के स्काउट शिविर के लिए आती थी। अमेरिका के आक्रमण, सद्दाम हुसैन के पतन के लगभग 15 से अधिक सालों के बाद अब वह फिर से वापस आ गई है। रैली के माध्यम से देश भर के नेताओं और आयोजकों के लिए एक मंच प्रदान किया जा रहा है जहां भविष्य की परियोजनाओं पर चर्चा की जाएगी।


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