ईरान का पैंतरा, कहा- वियना में अमेरिका से सीधे नहीं करेंगे बातचीत, जानें क्या है इस बैठक का मकसद
ईरान के उप-विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने कहा है कि हम वियना में अमेरिका से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष किसी भी तरह से कोई वार्ता नहीं करेंगे। परमाणु समझौते से संबंधित सभी पक्षों की वियना में बैठक रखी गई है। जानें इस बैठक का मकसद और क्या है ईरान का एजेंडा...
तेहरान, आइएएनएस। अगले सप्ताह वियना में 2015 के परमाणु समझौते पर होने वाली बैठक में ईरान अमेरिका से सीधे कोई वार्ता नहीं करेगा। ईरान के उप-विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने कहा है कि हम वियना में अमेरिका से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष किसी भी तरह से कोई वार्ता नहीं करेंगे। परमाणु समझौते से संबंधित सभी पक्षों की वियना में बैठक रखी गई है। इस बैठक में अमेरिका के समझौते पर दोबारा लौटने के साथ ही ईरान पर लगाए गए प्रतिबंधों पर भी बातचीत की जाएगी।
इसके साथ ही ईरान ने कहा कि वे एक साथ सभी प्रतिबंधों को वापस लेने की मांग कर रहा है। धीरे-धीरे प्रतिबंधों को हटाने का कोई मतलब नहीं है। उप-विदेश मंत्री ने यह भी कहा है कि इस बैठक में ईरान सिर्फ तकनीकी वार्ता करेगा। इस पर अमेरिका क्या करता है, यह उसका काम है।
इस बैठक का मकसद ईरान को परमाणु हथियार विकसित करने से रोकना है। ज्ञात हो कि 2018 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने परमाणु समझौते से अलग होने की घोषणा की थी। इसके साथ ही ईरान पर तमाम प्रतिबंध लगा दिए गए थे। अब नए राष्ट्रपति जो बाइडन ने समझौते पर लौटने की घोषणा की है। ईरान अब इस बात पर अड़ा हुआ है कि पहले सभी प्रतिबंधों को हटाया जाए, उसके बाद ही वार्ता का माहौल बनेगा।
उल्लेखनीय है कि अमेरिका परमाणु समझौते से साल 2018 में अलग हो चुका है। उसके बाद ईरान ने यूरेनियम संवर्द्धन का स्तर बढ़ा दिया है लेकिन परमाणु हथियार बनाने से वह अभी दूर है। अमेरिका में सत्ता बदलने के बाद राष्ट्रपति जो बाइडन ने ईरान के साथ परमाणु समझौते में फिर शामिल होने की इच्छा जताई है। इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए विएना में अमेरिकी अधिकारियों की ईरान के अतिरिक्त समझौते में शामिल देशों- रूस, चीन, फ्रांस, ब्रिटेन और जर्मनी के अधिकारियों से वार्ता होगी।