अमेरिका के तनाव के बीच ईरान ने अपने एक सैन्य उपग्रह 'नूर' का सफलतापूर्वक किया लॉन्च
ईरान के रिवॉल्यूशनरी गार्ड ने बुधवार को कहा कि एक सैन्य उपग्रह को लॉन्च किया गया है। गार्ड ने कहा कि कई बार असफलताओं के बाद बुधवार को सैन्य उपग्रह सफल प्रक्षेपण किया
तेहरान, एजेंसी। कोरोना वायरस की वैश्विक महामारी और अमेरिका के साथ व्यापक तनाव के बीच ईरान ने अपने एक सैन्य उपग्रह को लॉन्च किया है। ईरान के रिवॉल्यूशनरी गार्ड ने बुधवार को कहा कि एक सैन्य उपग्रह को लॉन्च किया गया है। रिवॉल्यूशनरी गार्ड ने कहा कि कई बार असफलताओं के बाद बुधवार को सैन्य उपग्रह सफल प्रक्षेपण किया गया। हालांकि, उपग्रह प्रक्षेपण के बाद पहले ईरान ने इस पर चुप्पी साध रखी थी, लेकिन बाद में उसने इस प्रक्षेपण की पुष्टि की है। ईरानी सेना ने इस उपग्रह का नाम 'नूर' यानी रोशनी रखा है।
पृथ्वी की सतह से 264 मील दूर कक्षा में पहुंचा उपग्रह
रिवॉल्यूशनरी गार्ड के एक अधिकारी ने कहा कि उपग्रह सफलतापूर्वक पृथ्वी की सतह से 425 किलोमीटर (264 मील) की कक्षा में पहुंच गया। गार्ड ने इसकी सूचना विस्तार से नहीं दी, लेकिन कहा कि दो चरणों वाले उपग्रह प्रक्षेपण ने ईरान के सेंट्रल डेजर्ट से उड़ान भरी थी। अमेरिकी सेना द्वारा ईरान जनरल कासेम सोलेमानी की हत्या के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों में काफी कटूता आ गई थी। लेकिन इस प्रक्षेपण के बाद दोनों देशों के संबंधों पर इसका प्रतिकूल असर पड़ेगा। रविवार को गार्ड ने स्वीकार किया कि पिछले हफ्ते फारस की खाड़ी में अमेरिकी युद्धपोतों के साथ तनावपूर्ण मुठभेड़ हुई थी। ईरान ने बिना प्रमाण दिए आरोप लगाया कि अमेरिकी बलों ने इस घटना को भड़काया था।
उपग्रह वाहक में कुरान की एक आयत अंकित
एक टीवी फुटेज में दिखाया गया है कि उपग्रह वाहक को कुरान की एक आयत के साथ अंकित किया गया था, जिसे मुस्लिम अक्सर यात्रा करते समय पढ़ते हैं। राज्य टीवी ने कहा कि यह प्रक्षेपण सफल रहा और उपग्रह ऑर्बिट में पहुंच गया। इसमें कहा गया है कि तीन चरणों वाले क्यूड उपग्रह लांचर में ठोस और तरल ईंधन के संयोजन का उपयोग किया गया है।
अमेरिकी अधिकारियों की क्या है बड़ी चिंता
अमेरिकी अधिकारियों ने चिंता जाहिर किया है कि उपग्रहों को कक्षा में रखने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली लंबी दूरी बैलिस्टिक तकनीक का इस्तेमाल परमाणु युद्धक हथियारों को लॉन्च करने के लिए भी किया जा सकता है। हालांकि, तेहरान ने अमेरिकी दावों और चिंताओं को खारिज किया है। ईरान ने साफ किया है कि उसका मकसद परमाणु हथियारों के विकसित करना नहीं है।