अमेरिकी ठिकानों पर रॉकेट हमला, ईरानी विदेश मंत्री बोले- युद्ध नहीं चाहते पर खुद का करेंगे बचाव
ईरान के विदेश मंत्री जवाद ज़रीफ़ ने कहा कि हम युद्ध नहीं चाहते हैं यदि हमारे ऊपर आक्रमण किया जाता है तो हम खुद का बचाव करेंगे।
तेहरान, एएनआइ। ईरान और अमेरिका के बीच चल रही तनातनी ने नया मोड ले लिया है। अब ईरान ने इराक में अमेरिका के दो सैन्य ठिकानों पर मिसाइलें दागी है। इस हमले पर ईरान के विदेश मंत्री जवाद जरीफ ने कहा कि हम युद्ध नहीं चाहते हैं, यदि हमारे ऊपर आक्रमण किया जाता है तो हम खुद का बचाव करेंगे। ईरान ने संयुक्त राष्ट्र चार्टर के आर्टिकल 51 के तहत आत्मरक्षा में उपाय किए और फिर ये निष्कर्ष निकाला।
अमेरिकी अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार ईरान ने करीब साढ़े पांच बजे इराक में अमेरिकी और गठबंधन सेना के ठिकानों पर मिसाइलों दागी। बता दें कि एयरबेस पर अमेरिका के साथ गठबंधन सेनाएं मौजूद हैं।हालांकि, अभी तक गठबंधन सेनाओं को किसी तरह के नुकसान की कोई जानकारी नहीं मिली है।
ट्रंप ने हमले पर जताया दुख
हमले पर राष्ट्रपति ट्रंप ने इस हमले पर दुख जताया है। व्हाइट हाउस द्वारा जारी किए हए बयान में कहा गया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने करीबी से हालात नजरे रखी हुई हैं। अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि ईरानी मिसाइलें वहां गिरी जहां अमेरिकी सेना के बेस कैंप है। जैसे ही हमला हुआ उसके तुरंत बाद ही अमेरिका के मिलिट्री जेट्स सतर्क हो गए हैं। आसमान में काफी तेजी से उनकी हलचल बढ़ गई है।
ट्रंप ने पहले ही दी थी चेतावनी
बुधवार को ईरान की तरफ से किए गए ताजे हमले पर पेंटागन ने कहा कि हमले में कितना नुकसान हुआ इसका आकलन किया जा रहा है। इससे पहले भी ईरान ने अमेरिकी बेस को निशाना बनाते हुए हमले किया था। इस हमले के बाद ट्रंप ने ईरान को चेतावनी भी दी थी। ट्रंप ने कहा था कि यदि उसने एक बार फिर इस तरह की हरकत की तो अमेरिका उसे कड़ा सबक सिखाएगा।
तनाव के बीच इराक में लड़ रहे ईरानी रिवोव्यूशनरी गार्ड ने अमेरिकी बलों को क्षेत्र से वापस जाने के लिए कहा। ईरानी सैन्य बल की तरफ से बयान जारी कर कहा गया कि हम अमेरिका के सभी साथियों को चेतावनी देते हैं कि वह एक आतंकी सेना को अपने बेस का उपयोग ना करने दें। जानकरी के लिए बता दें कि पिछले हफ्ते बगदाद में ड्रोन स्ट्राइक कर ईरानी कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी को मार दिया था। अमेरिकी की इस कार्रवाई पर ईरान ने कहा था कि वह अमेरिका के बदला लेगा।