Move to Jagran APP

Iran vs US : ईरान का सात हजार किमी रेंज के ड्रोन होने का दावा, चिंतित हुआ अमेरिका

ईरान के पास सात हजार किलोमीटर की रेंज के ड्रोन हैं। ईरान के सरकारी मीडिया ने रिवेल्यूशनरी गार्ड के एक टाप कमांडर के हवाले से बताया कि इस घटनाक्रम को अमेरिका अपने लिए एक खतरे के तौर पर देख रहा है।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Sun, 27 Jun 2021 08:20 PM (IST)Updated: Sun, 27 Jun 2021 08:27 PM (IST)
Iran vs US : ईरान का सात हजार किमी रेंज के ड्रोन होने का दावा, चिंतित हुआ अमेरिका
ईरान का सात हजार किमी रेंज के ड्रोन होने का दावा, चिंतित हुआ अमेरिका। फाइल फोटो।

दुबई, एजेंसी। ईरान के पास सात हजार किलोमीटर की रेंज के ड्रोन हैं। ईरान के सरकारी मीडिया ने रिवेल्यूशनरी गार्ड के एक टाप कमांडर के हवाले से बताया कि इस घटनाक्रम को अमेरिका अपने लिए एक खतरे के तौर पर देख रहा है। ईरान का यह दावा ऐसे समय में आया है, जब ईरान और अमेरिका समेत छह महाशक्तियां अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लगाए प्रतिबंधों को ईरान से हटाने पर विचार-विमर्श कर रहे हैं। ईरानी ड्रोन का असर अमेरिका और तेहरान के संबंधों पर पड़ सकता है। खासतौर पर तब जब बाइडन प्रशासन ईरान के प्रति नरम रवैया अपनाए हुए है।

loksabha election banner

हालांकि, पश्चिमी सैन्य विशेषज्ञों का कहना है कि ईरान कई दफा अपनी क्षमताओं को बढ़ा-चढ़ाकर बताता है। लेकिन ईरान की सीमाओं पर निगरानी के काम में अहम तौर पर ड्रोन ही तैनात किए गए हैं। खासकर होरमुज खाड़ी के जल क्षेत्र में सर्वाधिक तैनाती ड्रोन की है। यह क्षेत्र कच्चे तेल की आपूर्ति में पांचवां स्थान रखता है। ईरान और क्षेत्रीय सैन्य बल समेत यमन, सीरिया और इराक में हाल के वर्षो में ड्रोन का प्रयोग अधिक होने लगा है।

हाल में बाइडन प्रशासन की ओर से कहा गया था कि अमेरिका संयुक्त राज्य व्यापक कार्य योजना (जेसीपीओए) के संयुक्त आयोग को नवीनीकृत करने के प्रयासों के तहत ईरानी सर्वोच्च नेता अली खामेनेई पर प्रतिबंध हटाने पर विचार कर रहा है। बता दें कि जून 2019 में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खामेनेई व उनके कुछ अधिकारियों व सैन्य कमांडरों के खिलाफ प्रतिबंध लगाए थे। हाल में हुई वियना वार्ता के दौरान अमेरिका और ईरान के वार्ताकारों ने इस पहल पर चर्चा की थे। यह एक बड़े समझौते का हिस्सा होने की उम्मीद है। इसके परिणाम स्वरूप अमेरिका जेसीपीओए में फिर से शामिल हो जाएगा और ईरान अपनी जेसीपीओए प्रतिबद्धताओं को पूरा करेगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.