ईरान में मनाई गई अमेरिकी दूतावास पर कब्जे की वर्षगांठ
सन 1979 में 444 दिनों तक बंधक बनाकर रखे गए 52 अमेरिकियों के इस प्रकरण को याद करने के लिए हजारों ईरानी पूर्व अमेरिकी दूतावास के समक्ष शनिवार को एकत्रित हुए।
तेहरान (एपी)। तेहरान स्थित अमेरिकी दूतावास पर कब्जे की वर्षगांठ पर शनिवार को ईरान ने सतह से सतह पर मार करने वाली अपनी नई बैलेस्टिक मिसाइल सेजिल का प्रदर्शन किया। इसे अमेरिका को चिढ़ाने की ईरान की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।
सन 1979 में 444 दिनों तक बंधक बनाकर रखे गए 52 अमेरिकियों के इस प्रकरण को याद करने के लिए हजारों ईरानी पूर्व अमेरिकी दूतावास के समक्ष शनिवार को एकत्रित हुए। इस मौके पर दो हजार किलोमीटर तक मार करने वाली सेजिल मिसाइल पहली बार प्रदर्शित की गई। दोनों देश के कटुतापूर्ण संबंधों में सुधार के लिए सन 2015 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की अगुआई में दुनिया के प्रमुख देशों ने ईरान के साथ परमाणु समझौता किया था। समझौते के तहत ईरान को अपने परमाणु विकास कार्यक्रम का शांतिपूर्ण कार्यो के लिए चलाना है।
इस समझौते की निगरानी अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी कर रही है। और ईरान को अमेरिका और अन्य प्रमुख देशों से आर्थिक और तकनीक सहायता मिल रही है। लेकिन राष्ट्रपति के तौर पर पद संभालते ही डोनाल्ड ट्रंप ने इस समझौते को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि इससे अमेरिकी हितों को चोट पहुंच रही है और ईरान इसकी आड़ में दुनिया को धोखा दे रहा है। इसलिए ट्रंप ने समझौते को अगले एक साल के लिए नवीनीकृत करने की संस्तुति नहीं की। राष्ट्रपति की संस्तुति के बाद हर साल अमेरिकी संसद इस पर अपनी मुहर लगाती है। इसी के बाद समझौता जारी रहता है।
ईरान द्वारा बैलेस्टिक मिसाइल कार्यक्रम पर आगे बढ़ने के बाद अमेरिका ने अक्टूबर में उस पर नए प्रतिबंध लगाए हैं। साथ ही परमाणु समझौते पर अब और आगे न बढ़ने की घोषणा की है। इसके चलते अमेरिका और ईरान के बीच कटुता का नया अध्याय फिर से शुरू हो गया है।
यह भी पढ़ें: ईरान का आरोप, ओसामा से जुड़ी फाइलों को लेकर झूठ फैला रहा अमेरिका