Move to Jagran APP

मोदी ने किर्गिस्तान के कारोबारियों को दिया भारत में निवेश का न्योता

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में व्यापार और निवेश के लिए कुशल कामगार कारोबार की सुगमता (ईज ऑफ डूइंग बिजनेस) दोहरे कराधान से बचाव के अलावा बेहतरीन कनेक्टिविटी उपलब्ध है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Fri, 14 Jun 2019 11:48 PM (IST)Updated: Sat, 15 Jun 2019 12:14 AM (IST)
मोदी ने किर्गिस्तान के कारोबारियों को दिया भारत में निवेश का न्योता

बिश्केक, एएनआइ/प्रेट्र। शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और किर्गिस्तान के राष्ट्रपति सूरोन्बे जिन्बेकोव ने शुक्रवार को द्विपक्षीय वार्ता के दौरान आपसी हितों के मुद्दों पर विचार-विमर्श किया।

loksabha election banner

इससे पहले दोनों नेताओं ने संयुक्त रूप से बिजनेस फोरम का उद्घाटन किया। इसमें प्रधानमंत्री मोदी ने किर्गिस्तान के उद्यमियों को भारत में निवेश करने के लिए आमंत्रित करते हुए कहा कि भारत बहुत बड़ा बाजार है और अगले पांच साल में पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लिए दृढ़प्रतिज्ञ है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में व्यापार और निवेश के लिए कुशल कामगार, कारोबार की सुगमता (ईज ऑफ डूइंग बिजनेस), दोहरे कराधान से बचाव के अलावा बेहतरीन कनेक्टिविटी उपलब्ध है। इसीलिए वह किर्गिस्तान के कारोबारियों को भारतीय उद्यमों में निवेश के लिए आमंत्रित करते हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के करीबी सांस्कृतिक और आर्थिक संबंध हैं, लेकिन वर्तमान में हमारा व्यापारिक और आर्थिक सहयोग संभावनाओं से कम है।

लिहाजा इन प्रमुख क्षेत्रों में संबंधों को मजबूती देना बेहद महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री ने बताया कि दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए पांच साल का रोड मैप तैयार किया है। इसके तहत दोहरे कराधान से बचाव और द्विपक्षीय निवेश समझौते को अंतिम रूप दिया गया है।

मोदी ने कहा, 'भारत की आर्थिक प्रगति और तकनीकी विकास ने दुनियाभर में स्थायित्व और उम्मीद पैदा की है। इसके अलावा भारत के पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य को हासिल करने में युवा और अन्वेषक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।' मोदी ने द्विपक्षीय व्यापार और अर्थव्यवस्था में मजबूती के लिए तीन उत्प्रेरकों को भी रेखांकित किया, ये हैं :- अनुकूल माहौल, कनेक्टिविटी और कारोबार से कारोबार।

इस संदर्भ में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और मध्य एशियाई देशों को कनेक्टिविटी बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। चाबहार बंदरगाह (ईरान में) भारत और किर्गिस्तान के बीच संपर्क का नया मार्ग बनकर उभरा है। प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत और मध्य एशिया में कारोबार से कारोबार को बढ़ावा देने के लिए इसी साल बिश्केक में 'नमस्कार यूरेशिया' नाम से व्यापार मेले का आयोजन भी किया जाएगा।

मालूम हो कि भारत-किर्गिस्तान के बीच 2016-17 में 2.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर का व्यापार हुआ था। भारत का किर्गिस्तान को निर्यात करीब 2.27 करोड़ अमेरिकी डॉलर का है, जबकि किर्गिस्तान भारत को करीब 23.2 लाख अमेरिकी डॉलर का निर्यात करता है।

किर्गिस्तान को 20 करोड़ डॉलर का कर्ज, 15 समझौतों पर हस्ताक्षर
बिजनेस फोरम को संबोधित करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी और किर्गिस्तान के राष्ट्रपति सूरोन्बे जिन्बेकोव ने पहले अकेले और फिर प्रतिनिधिमंडल स्तरीय वार्ता की। बाद में प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में किर्गिस्तान को 20 करोड़ डॉलर का कर्ज देने की घोषणा की।

उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष आपसी भागीदारी को बढ़ाकर रणनीतिक स्तर पर ले जाने को सहमत हुए हैं। दोनों देश विभिन्न विषयों पर साझा विचार रखते हैं और दोहरे कराधान को खत्म करने समेत 15 मुद्दों पर समझौते किए गए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, 'आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में हम दोनों देश साथ हैं। विश्व को यह संदेश देना जरूरी है कि आतंकवाद को किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जा सकता।'

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.